शिमला। बजट प्रस्तावों पर चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज सदन में बडा खुलासा किया कि जयराम सरकार ने पांच सालों में 23 हजार 809 करोड का कर्ज लिया व प्रदेश आर्थिक संकट की ओर चला गया।
आंकडों को सदन में पेश करते हुए सुक्खू ने पूर्व की वीरभद्र सिंह सरकार व उसके बाद सत्ता में आई जयराम सरकार की ओर से लिए गए कर्ज की तुलना करते हुए पूरा ब्योरा सदन में रखा। उन्होंने कहा कि 1 जनवरी 2013 से 31 दिसंबर 2017 तक तत्कालीन वीरभद्र सिंह सरकार ने 28 081 करोड रुपए के कर्ज उठाए। इस में से 9472 करोड रुपए के कर्ज को वापस किया गया और शुद्ध कर्ज 18609 करोड रुपए लिया।
जबकि जयराम सरकार ने एक जनवरी 2018 से 31 दिसंबर 2022 तक 40 हजार 670 करोड रुपए के कर्ज लिए व इसमें से 16 हजार 670 करोड रुपए के कर्ज लौटाए। इस तरह जयराम सरकार ने अपने पांच साल के कार्याकाल में 23 हजार 809 करोड रुपए के कर्ज लिए।
बजट प्रस्तावों पर चली लंबी चर्चा के बाद आज सुक्खू ने जवाब दिया लेकिन भाजपा के विधायक जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और सदन से नारेबाजी करते हुए वाकआउट कर दिया।
उन्होंने कहा कि एक अप्रैल 2022 से पहले खुले किसी भी संस्थान को सरकार ने बंद नहीं किया हैं। एक अप्रैल 2022 के बाद 900 संस्थान खोले गए। इनमें से 584 संस्थानों को खोलने के प्रस्ताव वित विभाग को भेजे गए। इनमें से केवल 94 संस्थानों के लिए वित विभाग ने सहमति दी और 480 संस्थानों के लिए असहमति जताई।
शिक्षा विभाग में 25 कालेज खोले गए इनमें से केवल दो को ही वित विभाग ने सहमति दी।स्वास्थ्य विभाग में 140 संस्थान खोले गए इन में से केवल 9 को ही वित विभाग ने मंजूरी दी।राजस्व विभाग में 62 संस्थानों को खोला गया जिसमें से केवल एक संसथान खोलने को वित विभाग ने मंजूरी दी।जल शक्ति विभाग में 34 संस्थान खोले इनमें से केवल तीन को ही वित विभाग की मंजूरी मिली जबकि पशु पालन विभाग में 43 संस्थान खोले गए इनमें तीन को ही वित विभाग की मंजूरी मिली ।
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