शिमला। कांग्रेस सरकार के सात महीने के कार्यकाल में पंचायत प्रतिनिधियों को निलंबित व निष्कासित करने के मामले में भाजपा विधायकों ने सदन में हंगामा किया और नारेबाजी की। भाजपा सदस्यों ने आरोप लगाया कि ये सारे निलंबन बदले की भावना से किए गए। प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक जय राम ठाकुर नेलिखित सवाल पूछा था कि कांग्रेस के शासन काल में कितने पंचायत प्रधानों को निलंबित व निष्कासित किया था। जयराम ठाकुर ने कहा कि यही नहीं सरकार ने बदले की भावना से दर्जनों पंचायत प्रधानों के खिलाफ कार्यवाही की प्रक्रिया शुरू की हुई।जयराम ठाकुर ने सदन में ये खुलासा भी किया सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर ये पता करने की कोशिश की थी कि पंचायतों में किन जनप्रतिनिधि कांग्रेस व भाजपा से जुड़े। इस पर भाजपा सदस्यों ने शेम-शेम कहा।
प्रश्न के जवाब में पंचायती राज मंत्री अनिल शर्मा ने कहा कि उनकी सरकार बदले की भावना से काम नहीं करते। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों की राजनीतिक पृष्ठभूमि का पता करने के लिए सरकार ने कोई नोटिफिकिेशन जारी नहीं की। इस पर भाजपा सदस्यों ने सदन में बदला-बदली अत्याचार,नहीं चलेगी ये सरकार।बदले की भावना से निलंबित प्रधानों को बहाल करो जैसे नारे लगाए।भाजपा सदस्य सदन में पोस्टर लेकर अपनी सीटों पर खड़े हो गए और नारेबाजी करते रहे।
इस बीच मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने दखल देकर सदन में कहा पंचायत प्रतिनिधियों के खिलाफ बदले की भावना से काम धूमल की सरकार में हुआ है।कांग्रेस से जुड़े पंचायत प्रतिनिधियों को डीसी से लेकर सचिव तक अपीलें करते रहे।कुछ को इंसाफ मिला व कइयों को आखिर तक इंसाफ नहीं मिला।
शोरशराबे के बीच स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दी।
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