नई दिल्ली। वीबीएस रिश्वतकांड में दिल्ली हाईकोर्ट में हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ मामले की जांच को लेकर याचिका दायर करने वाली एनजी ओ कॉमन कॉज व सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण इस मामले से हट गए है। अदालत ने इस मामले में amicus curiae नियुक्त करने का फैसला लिया और मामले कीअगलीसुनवाई 26 मार्च को होगी। वीरभद्र सिंह की और से आज वीरवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दिल्ली हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान प्रशांत भूषण पर इल्जाम लगाया कि ये याचिका कॉमन कॉज नहीं प्रशांत भूषण ने खुद दायर करवाई है। प्रशांत भूषण की इस मामले व्यक्तिगत मंशा है। चूंकि वीरभद्र सरकार ने प्रशांत भूषण की कुमुंद सोसायटी को दी गई जमीन को सरकार ने वापस ले लिया है। इसलिए प्रशांत भूषण व्यक्तिगत रंजिश की वजह से वीरभद्र सिंह के पीछे पड़े है।
सिब्बल ने ये भी दलील दी कि कॉमन कॉज की जनरल बॉडी मीटिंग की प्रोसिंडींग अदालत के समक्ष पेश की जाए जिसमें कॉमन कॉज ने ये फैसला लिया है कि इस मामले में याचिका दायर की जाए और प्रशांत भूषण को इस मामले की पैरवी करने को अधिकृत किया हो। उन्होंने अदालत में ये भी दलील दी कि वीबीएस कांड वाली डायरी में सौ से ज्यादा लोगों के नाम थे जिन परयेसंदेह है कि उन्होंने स्टील किंग मितल व उनकी सहयोगी कंपनियों से रिश्वत ली थी। लेकिन कॉमनकॉज ने उस में से केवल एक ही नाम चुना और वीरभद्र सिंह के खिलाफ याचिका दायर कर दी। याचिका में बाकियों का नाम नहीं है।
जब से प्रशांत भूषण पर वीरभद्र सिंह की ओर से व्यक्तिगत आरोप लगाए गए है तब से वह इस मामले में अदालत में कॉमन कॉज की ओर से पेश नहीं हो रही है। आज कॉमन कॉज की ओर से अदालत में पेश हुए वकील अरविंद निगम सिंह ने अदालत में कहा कि इस मामले में प्रशांत भूषण पहले ही इस मामले में पेश नहीं हो रहे है। मामले की पैरवी वो कर रहे है।उन्होंने कहा कि कॉमन कॉज और प्रशांत भूषण इस मामले से हट जाते है और अदालत इस मामले में amicus curiae को नियुक्त करे। निगम ने दलील दी कि अगर उनकी याचिका में दम है है तो ये करके भी देख लिया जाए।उधर सिब्बल ने वकील के पेश होने पर भी एतराज जताया और दलील दी कि याचिका का कॉज तो वही है।
इस पर दिल्ली हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जी रोहिणी व जस्टिस एंडलो की खंडपीठ ने इस मामले मे amicus curiae नियुक्त करने का फैसला लिया जो कॉमन कॉज व प्रशांत भूषण के स्थान पर अदालत का सहयोग करेंगे।
कपिल सिब्बल ने ये भी दलील दी कि उनकी ओर से अदालत की क्षेत्राधिकार को लेकर दायर ऑब्जेक्शन पर पहले फैसला लिया जाए। अब मामले की अगली सुनवाई 26 मार्च को होगी। वीरभद्र सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दायर कर रखी है ये मामला दिल्ली हाईकोर्ट के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है।
इस मामले में सीबीआई और आयकर विभाग ने दिल्ली हाईकोर्ट में सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश की हुई है।ऐसे में अब ये मामला दिलचस्प हो गया है।
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