शिमला। वामपंथी प्रत्याशी व किसान सभा के अध्यअक्ष कुलदीप सिंह तंवर ने कांग्रेस विधायक अनिरूद्ध सिंह व भाजपा सरकार पर अपरोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि कसुम्प्टी विधानसभा हलके में तीन सौं संपर्क सडकें ऐसी है जो वन संरक्षण अधिनियम के तहत बिना मंजूरी लिए बना दी गई है।
उन्होंने कहा कि इस इलाके के जनप्रतिनिधि इन सडकों को वन संरक्षण अधिनियम के तहत इन सडकों को लाने में पूरी तरह से नाकाम रहे है ।याद रहे कसुम्प्टी हलके से अनिरूद्ध सिंह कांग्रेस के विधायक हैं।
उन्होंने कहा कि आलम यह है कि इस बार हुई भारी बरसात में इन सडकों में से अधिकांश खराब हो गई है और सरकार व लोक निर्माण विभाग के अधीन न होने के कारण इन सडकों को सरकार के स्तकर पर कोई ठीक भी नहीं कर रहा है और लोगो को खुद ही अपने पैसों से इनका रखरखाव करना पड रहा है।
उन्होंने खुलासा किया कि रातों -रात बिना वन संरक्षण अधिनियम की मंजूरी लिए राजनीतिक लाभ के लिए इन सडकों को बना दिया गया। उनका ईशारा यह था कि जब चुनाव आते है तो राजनीतिक दलों के नेता रातों –रात जेसीबी लगाकर वोटें हासिल करने के लिए सडकें तो बना देते है लेकिन वह नियमित नहीं होती है और इन्हें न लोक निर्माण विभाग और सरकार अपने अधीन लेती है। रातों –रात जेसीबी लगाकर सडकें बनाने के इस चलन से जमीनें भी खराब होती हैं।
वामपंथी पार्टी माकपा के प्रत्याशी और किसान सभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह तंवर आज भारी बारिश के बीच बल्देंया पंचायत के धाली गांव के दौरे पर रहे । उन्होंने कहा कि यह गांव तहसील का सबसे बडा दलित गांव है जहां पर 85 फीसद दलित रहते है। इस गांव को आदर्श गांव के रूप में भी अपनाया गया है। यहां लोगों ने एक सडक बनाई थी।
इस बरसात में भारी बारिश की वजह से यह सडक लगभग पूरी तरह से तबाह हो चुकी है। लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसे क्या कारण है कि ठियोग विधानसभा के तहत वन संरक्षण अधिनियम के तहत 173 सडकों को मंजूरी मिली व वह नियमित सडकें बन गई है। लेकिन कसुम्प्टी हलके में केवल 26 सडकों को लेकर मंजूरी मिली हुई है व बाकी तीन सौ से ज्यादा सडकें अनियमित है। अधिकतर गांवों के लोगों को गांव से सब्जियां जैसे टमाटार बीन्स, शिमला मिर्च आदि ले जाने में दिक्कतें उठानी पड रही हैं
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