शिमला।पतजंलि योगपीठ को धूमल सरकार में दी गई जमीन में कई उल्लंघनाओं का खुलासा होने के बाद कांग्रेस के विधायक अनिरूद्ध सिंह ने इस जमीन को योगगुरू बाबा रामदेव को जमीन वापस न करने का वीरभद्र सरकार से आग्रह किया हैं। उन्होंने ये सवाल विधानसभा में उठाया कि जब मामला अदालत में हैं तो केबिनेट फैसला क्यों ले रही हैं। अनिरूद्ध सिंह कसुम्प्टी विधानसभा हलके से कांग्रेस पार्टी के विधायक हैं।
वीरभद्र सरकार के राजस्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि धूमल सरकार ने जल्दबाजी में फैसला लिया और लीज पर आचार्य बालकृष्ण को साइन करने थे लेकिन वहां पर किसी तीसरे व्यक्ति ने साइन किए थे। ये उल्ल्ंघना थी। इसके बाद जिस जमीन को बाबा रामदेव के पंतजंलि योग पीठ को लीज पर दिया गया था हकीकत मे उनको कोई दूसरी ही जमीन दे दी गई।यही नहीं बाबा रामदेव की ओर से धूमल सरकार में जो डीपीआर दी गई थी उसमें यहां पर औषधीय पौधों , हर्बल प्लांट व जड़ी बूटियों को उगाने की ट्रेंनिंग देने का भरोसा दिया गया था। राजीव बिंदल ने ये सवाल पूछा था कि क्या यहां पर पंचकर्म षटकर्म आदि खोलने के लिए बाबा रामदेव ने ये जमीन नहीं ली थी।
इस पर कौल सिंह ने फिर खुलासा किया कि बाबा रामदेव ने यहां बाकी शर्तों के मुताबिक कुछ नहीं किया केवल पंच सितारा होटल बनाना शुरू कर दिया। जिस जगह डीसी ने साइन करने थे वहां पर बालकृष्ण के व्यक्ति ने साइन कर दिए । मायने ये कि ऐसे में ये जमीन डीसी के नाम लीज पर चली गई और जमीन देने वाले बालकृष्ण हो गए। कौल सिंह ने कहा कि आपने डीसी पर दबाव डाल कर से काम करवाया।
कौल सिंह ने कहा कि बालकृष्ण ने किसी और व्यक्ति को पॉवर ऑफ अटार्नी दे दी जबकि बालकृष्ण को खुद साइन करने थे और वो किसी व्यक्ति विशेष को पॉवर ऑफ अटार्नी नहीं दे सकते थे।
इसके अलावा लीज दस्तावेज में जगह जगह ओवर राइटिंग की गई थी।
इस बीच धूमल ने कहा कि वीरभद्र सिंह सरकार ने जल्दबाजी में ये लीज रदद की थी । भाजपा सरकार ने जो भी किया था वो सही किया था। सरकार ने गलत फैसला लिया था। वहां पर जो पुलिस तैनात की गई हैं उसका वेवजह खर्चा हुआ।
इस पर कौल सिंह ने कहा कि अदालत ने आदेश दिए थे कि बिल्डिंग को न गिराया जाए। इसलिए सरकार ने वहां पर गार्द तैनात कर दी । सरकार जल्दबाजी में फैसला नहीं लेती सोच समझ कर फैसले लेती हैं।
उन्होंने कहा कि पंतजलि योगपीठ ने अदालत में सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं व जब तक वो सरकार के खिलाफ आरोपों को वापस नहीं लेते हैं सरकार कोई कार्रवाई नहीं करेंगी।
उन्होंने कहा कि बालकृष्ण की ओर से मुख्यमंत्री को रिप्रेजेंटेंशन दिया गया हैं। इसे केबिनेट में ले जाया गया व वहां ये फैसला लिया गया कि अगर बाबा रामदेव याचिका वापस लेते हैं तो रिप्रेजेंटेशन पर विचार किया जाएगा।
सरकार ने अभी अंतिम फैसला नहीं लिया हैं। मामला विचारा धीन हैं।
कांग्रेस विधायक अनिरूद्ध सिंह ने कहा कि ये गिव एंड टेक का मामला हैं। जब इतनी सारी उल्लंधना की गई हैं तो फिर जमीनवापस क्यों दी जा रही हैं। यहां पर अनाथालय, गउसदन, और स्पोर्टस काँपलेक्स बनाया जा सकता हैं।
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