शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने राज्य परिवहन विभाग के व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और आपातकालीन बटन निगरानी केन्द्र का लोकार्पण करते हुए कहा कि इस व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और आपातकालीन बटन निगरानी केन्द्र को इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम 112 से जोड़ा गया है। इस प्रणाली में जब पैनिक बटन दबाया जाता है, तो सैटेलाइट के जरिए 112 पर एक सिग्नल प्राप्त होगा और संकट में फंसे व्यक्ति से सम्पर्क करने के साथ पुलिस को भी जानकारी मिल जाएगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के लोग शांतिप्रिय हैं और एक-दूसरे का सम्मान तथा कानून का पालन करते हैं, लेकिन फिर भी राज्य सरकार महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि निर्भया की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद केंद्र सरकार ने महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिगत सार्वजनिक परिवहन वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और इमरजेंसी पैनिक बटन लगाना अनिवार्य कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिगत स्थापित किए गए इस निगरानी केंद्र के माध्यम से वाहनों की चोरी और वाहन दुर्घटनाओं का पता लगाना आसान हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक अभिनव पहल है, जो राज्य की सड़कों को और अधिक सुरक्षित बनाएगी और प्रदेश में पंजीकृत और इस उपकरण से लैस वाहन को देश में कहीं भी ट्रैक किया जा सकता है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में इस उपकरण के माध्यम से वाहन के संबंध में त्वरित व सटीक जानकारी उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि कुल्लू में हुई बस दुर्घटना के संबंध में जानकारी में हुए विलम्ब के कारण बचाव अभियान में देरी हुई। राज्य सरकार ने 1 अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2021 तक स्टेज कैरिज, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज और शैक्षणिक संस्थानों की बसों के टोकन टैक्स, एसआरटी और पीजीटी में शत-प्रतिशत छूट प्रदान की है ताकि ट्रांसपोर्टरों को इस कठिन समय के दौरान राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि इस पहल से ट्रांसपोर्टरों को 164 करोड़ रुपये की राहत प्रदान की गई है।उन्होंने कहा कि 9423 से अधिक वाहनों को इस प्रणाली से जोड़ा गया है और पिछले एक साल दौरान इन वाहनों की यात्रा का पूरा विवरण निगरानी केंद्र में उपलब्ध होगा।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए गंभीरता से कार्य कर रही है। राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी, 2022 लागू की है। उन्होंने कहा कि राज्य में अब तक कुल 1150 इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार ने वर्ष 2025 तक इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीकरण में लगभग 15 फीससद की वृद्धि का लक्ष्य रखा है। राज्य सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीकरण के समय पंजीकरण शुल्क और टोकन टैक्स में सौ फीसद छूट प्रदान कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने भी विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम में छठी कक्षा से सड़क सुरक्षा का एक अध्याय शामिल करने का फैसला लिया है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इस परियोजना को एक नाम दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्य होने के कारण यातायात का मुख्य साधन सड़क परिवहन ही है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ की वेबसाइट का लोकार्पण किया और व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और आपातकालीन बटन निगरानी केन्द्र से संबंधित प्रचार साहित्य और सामग्री का विमोचन भी किया।
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने राज्य परिवहन विभाग को इस योजना को लागू करने के लिए बधाई देते हुए कहा कि अभिनव पहल को कार्यान्वित कर प्रदेश, देश का पहला राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों को प्रदूषण मुक्त परिवहन सुविधा प्रदान करने में इलेक्ट्रिक बसें सहायक सिद्ध हो रही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व में वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए स्कूल बसों के संचालन के लिए सख्त दिशा-निर्देश बनाए गए हैं।
प्रधान सचिव परिवहन आर डी नज़ीम ने कहा कि यह प्रणाली वाहनों की चोरी और वाहनों से जुड़े अपराधों आदि को रोकने में मददगार साबित होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है।
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