शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट को आज तीन और जज मिल गए हैं। अब प्रदेश हाईकोर्ट में जजों की संख्या 12 हो गई हैं।
आज सुबह राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने 21 अगस्त 1968 को जिला कांगड़ा के धर्मशाला में जन्मे न्यायमूर्ति रंजन शर्मा, कांगड़ा जिला के धर्मशाला में ही 20 जुलाई 1968 को जन्में न्यायमूर्ति बिपिन चंद्र नेगी जो मूल रूप से किन्नौर जिला से हैं और 23 मई 1968 को शिमला में जन्में न्यायमूर्ति राकेश कैंथला ने आज यहां हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में शपथ ग्रहण की। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने राजभवन में आयोजित एक गरिमापूर्ण समारोह में उन्हें पद की शपथ दिलाई।
इस समारोह में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ममीदन्ना सत्य रत्न रामचन्द्र राव भी उपस्थित थे।
न्यायमूर्ति रंजन शर्मा ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा राजकीय विद्यालय धर्मशाला से ग्रहण की। उन्हें रोहतक विश्वविद्यालय से एलएलबी में स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। उन्होंने दिसंबर 1991 में एक अधिवक्ता के रूप में कार्यभार संभाला और मार्च 2019 में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था। उन्होंने वर्ष 2008 और 2018 में दो बार अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं। न्यायमूर्ति रंजन शर्मा ने विधि के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य किया है।
न्यायमूर्ति बिपिन चंद्र नेगी किन्नौर जिला से संबंध रखते हैं ने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट एडवर्ड स्कूल शिमला और दिल्ली पब्लिक स्कूल आर के पुरम नई दिल्ली से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए अर्थशास्त्र ऑनर्स और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से एलएलबी की उपाधि प्राप्त की। उन्हें वर्ष 1994 में एक अधिवक्ता के रूप में कार्य आरम्भ किया और उन्हें वर्ष 2015 में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था। न्यायमूर्ति बिपिन चंद्र नेगी ने विधि के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दीं हैं।
न्यायमूर्ति राकेश कैंथलाने अपनी स्कूली शिक्षा डीण्एण्वीण्स्कूलए लक्कड़ बाजार से तथा स्नातक की उपाधि राजकीय महाविद्यालय संजौली शिमला ए से प्राप्त की। उन्होंने वर्ष 1991 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से एलएलबी की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने वर्ष 1991 में एक अधिवक्ता के रूप में कार्य आरम्भ किया और कानून के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दीं। न्यायमूर्ति राकेश कैंथला ने वर्ष 1995 में हिमाचल न्यायिक सेवा परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया। वर्ष 2010 में उन्होंने न्यायिक अधिकारियों की सीमित लिमिटेड प्रतियोगी परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया और अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में नियक्त हुए। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में विभिन्न सिविल और सत्र डिवीजनों में न्यायिक अधिकारी के रूप में कार्य किया है। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत होने से पहले वह बतौर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंडी में कार्यरत थे।
(3)