शिमला।सत्ताकेंद्रों यानी राजभवन और सचिवालय ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का नियमित कुलपति तैनात करने मे सवा तीन साल का रेकार्ड समय लगा दिया हैं।ये अपने आप में अप्रत्याशित हैं।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज 2 जून को हिमाचल प्रदेश विवि के फिजिक्स विभाग के प्रोफेसर प्रो.महावीर सिंह को अगले तीन साल के लिए कुलपति नियुक्त कर दिया हैं।ऐसे में हिमाचल प्रदेश विवि को सवा तीन साल बाद नियमित कुलपति मिला हैं।
याद रहे भाजपा के मौजूदा राज्यसभा सांसद सिकंदर कुमार मार्च 2022 में सांसद चुन लिए गए थे।उनकी जगह पर केंद्रीय विवि धर्मशाला के कुलपति प्रोफेसर सत प्रकाश बंसल को हिमाचल प्रदेश विवि का अतिरिक्त कार्यभार दे दिया । वो तब से लेकर अब तक हिमाचल प्रदेश विवि के कुलपति का कार्यभार देखते रहे हैं।
याद रहे प्रदेश में दिसबंर 2022 में कांग्रेस की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार सत्ता में आ गई थी और सुक्खू मुख्यमंत्री बन गए थे जबकि फरवरी 2023 में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने राजभवन में गददी संभाल ली थी। लेकिन इन दोनों की जुंडली ने हिमाचल प्रदेश विवि को तब से लेकर अब तक स्थाई कुलपति से वंचित रख कर प्रदेश के हज़ारों छात्रों के अकादमिक हकों पर डाका मारा। स्थाई कुलपति होना प्रदेश के विवि में पढ़ रहे छात्रों को अकादमिक हक था।
इसके अलावा हिमाचल प्रदेश विवि को पंगु बन चुका था। प्रोफेसर बंसल तो महीने में कभी-कभार ही विवि आते थे। जबकि प्रति कुलपति राजेंद्र वर्मा को भी कुलपति का शक्तियां नहीं दी गई।
ये किसी की समझ में नहीं आ रहा है कि राज्यपाल शुक्ल और मुख्यमंत्री सुक्खू ने नियमित कुलपति को बनाने इतनी देर क्यों लगा दी और इन दोनों ने ऐसा करके अब तक क्या हासिल कर लिया।क्या केवल राजनीति के लिए ये सब किया गया। या कोई और एंजेंडा रहा था।
यही नहीं पालमपुर और नौणी विवि में भी स्थाई कुलपति नहीं हैं। उच्च शिक्षा को इस तरह नजरअंदाज़ कर देने से राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह दो
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