शिमला। पावर कारपोरेशन के दिवंगत चीफ इंजीनियर हरिकेष मीणा को मिली अंतरिम जमानत पर कोई आंच नहीं आई हैं। जब से ये मामला सीबीआइ के सुपुर्द गया है तब से विमल नेगी के परिजनों और आम जनता को लगा था कि सीबीआइ केस को हाथ में लेते ही तहलका मचा देगी। लेकिन अभी तक कहीं कुछ नहीं हुआ हैं।
आज आरोपी आइएएस हरिकेष मीणा की अंतरिम जमानत पर सुनवाई हुई। उम्मीद जताई जा रही थी कि सीबीआइ की ओर से मीणा को मिली अंतरिम जमानत का वो कड़ा विरोध करेगी लेकिन आज ऐसा नहीं हो पाया। बहरहाल,जब से सीबीआइ परिदृष्य में आई हैं तब से आज पहली की सुनवाई थी। हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की अदालत में सुनवाई के दौरान सीबीआइ के डीएसपी ब्रिजेश प्रशाद मौजूद रहे। लेकिन ज्यादा कुछ नहीं हुआ। इससे कई लोगों के हाथ निराशा लगी हैं।
अदालत ने मीणा की अंतरिम जमानत को 16 जून तक बढ़ा दिया। संभवत: अब उम्मीद जताई जा रही है कि सीबीआइ तब तक जांच में कुछ आगे बढ़ेगी और स्टेटस रपट दाखिल कर अगली सुनवाई को मीणा की कस्टडी मांगेगी।
अभी तक सीबीआइ ने विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी और चीफ सेक्रेटरी प्रबोध सक्सेना से जानकारी हासिल की है। बाकी लोगों से भी जानकारी हासिल करने की कोशिश की जा रही हैं। इसके अलावा छुटटी पर भेजे गए पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा और पूर्व डीजीपी अतुल वर्मा की रपटों का भी अध्ययन किया जा रहा हैं। उसके बाद मेडिकल लीव पर चल रहे शिमला के एसपी संजीव गांधी और उनकी एसआइटी के बयान भी दर्ज किए जाने हैं।
(11)