शिमला। प्रदेश पुलिस ने विनय अग्रवाल नामक शख्स की ओर से केंद्रीय जांच एजेंसियों का आइजी बताकर प्रदेश के उदयोगपतियों से करोड़ों रुपए उगाहने के मामले का भंडाफोड़ करने का दावा किया है। पुलिस ने इसे अभी तक गिरफतार नहीं किया है।पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने कहा उसने प्रदेश हाईकोर्ट में जमानत के लिए आवेदन कर रखा है।
पुलिस के मुताबिक विनय अग्रवाल व उसके गिरोह ने प्रदेश के उदयोगपतियों से अब तक 1करोड़ 49 लाख रुपयों की जबरन उगाही की है। यह प्रदेश के कालाअंब, बददी, नालागढ़ और अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में आता जाता रहता था। मजे की बात यह है कि इसके साथ हरियाणा पुलिस के हथियारबंद पुलिस कर्मचारी भी गैर कानूनी तरीके से साथ रहते थे।
पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि इसके खिलाफ भराड़ी के सीआइडी थाने में धारा 170, 419, 384, 386 और 120 बी के तहत मामला छह जनवरी को मामला दर्ज कर दिया था। प्रवक्ता ने कहा कि अभी तक जो तथ्यसामने आए है उनके मुताबिक यह उगाही कुछ भी नहीं है और बउ़ा मामला लग रहा है। अग्रवाल वउसका गिरोह बाकी प्रदेश में भी उगाही के धंधे में शामिल लग रहा है। इसलिए दो फरवरी को पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने इस मामले में एसआइटी गठित की है जिसके मुखिया एसपी साइबर अपराध रोहित मालपानी को बनाया गया है जबकि ,एसपी आर्थिक अपराध गौरव सिंह, एसपी सीआइडी वीरेंद्र कालिया,
एएसपी साइबर अपराध नरवीर राठौर , डीएसपी सीआइडी मुकेश कुमार,दो निरीक्षकों, दो उप निरीक्षकों और एक अतिरिक्त उप निरीक्षक को शामिल किया गया है।
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