शिमला। प्रदेश के आबकारी व कराधान विभाग ने काला अंब पुलिस थाने में प्रदेश के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों को साढ़े 58 लाख रुपए के सेनेटाइजर बेचने की फर्जी बिल बनाकर अवैध शराब बनाने वालों को स्पिरिट की आपूर्ति करने के मामले में एफआइआर दर्ज कराई है। आबकारी व कराधान आयुक्त यूनुस ने कहा कि काला अंब स्थित एक कंपनी डच फोरमुलेशन की अंबाला में एक अन्य फर्म डेनिश लैब है। इस र्फ के ई बिलों की पड़ताल की गई व पाया गया कि इस फर्म ने सी एम ओ धर्मशाला को हैंड् सैनिटाइजर के चार खेप बीते नवंबर व दिसंबर भेजी हैं । इसी तरह इसी फर्म ने हैंड सैनिटाइजर के 3 खेप राजीव गांधी आयुष मेडिकल कॉलेज पपरोला को भी भेजे हैं। इन सभी की कीमत 51 लाख रुपए है। इस के अतिरिक्त मैसर्स डच फॉर्मूलेशन काला अम्ब ने भी हैंड सेनेटाइजर की एक खेप पपरोला कॉलेज को भेजी है। इस कि कीमत 7.50 लाख है। उन्होंने कहा कि इस बावत इन फर्मों से तमाम दस्तावेज मांगे गए लेकिन इन्होंने कोई दस्तावेज विभाग को नहीं सौंपे ।
यूनुस ने कहा कि जब इस बावत सीएमओ धर्मशाला और राजीव गांधी आयुष मेडिकल कॉलेज पपरोला से सेनेटाइजर के आर्डर और आपूर्ति को लेकर जवाब मांगा गया तो पाया कि वहां सं बतासा गया कि उन्होंने सेनेटाइजर की ऐसी कोई खरीद नहीं कीहै और न ही कभी कोई आर्डी दिया है। युनूस ने कहा कि विभाग को संदेह है कि इस फर्म ने ये लाखों स्पिरिट अवैध शराब बनाने वालों को बेच दिया है।
इसके अलावा विभाग ने एक और धांधली पकड़ी है।
राज्य कर एवं आबकारी आयुक्त यूनुस ने कहा कि जिला मंडी स्थित गोवर्धन बॉटलिंग प्लांट में निरीक्षण के दौरान पाई गई अनियमितताओं की कड़ियों को जोड़ते हुए और ऑनलाइन डाटा के द्वारा ई वे बिलों की जांच करते हुए विभाग ने जिला सिरमौर के काला अंब स्थित एक औद्योगिक परिसर ,डच फोरमुलेशन का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि परिसर में किसी भी प्रकार का कोई उत्पाद तैयार नहीं किया जा रहा था । उक्त इकाई के पास ड्रग अथॉरिटी का कोई लाइसेंस जारी नहीं किया गया है इस यूनिट ने 2020- 21 में 8.06 करोड़ रूपए की परचेज ई वे बिलो में दर्शाई है और लगभग 4,.77 करोड़ रूपए की बिक्री दिखाई है । और दोनो में कुल अंतर 3.39 करोड़ रुपए बनाता है। जिसका कोई भी स्टॉक परिसर में नही पाया गया । यहां भी घपला लग रहा है विभाग ने इन दोनों मामलों को लेकर कालाअंब थाने में एफआइआर दर्ज कराई है। ।
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