शिमला।कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के साथ आइएनएक्स मीडिया घोटाले में आरोपी प्रदेश काडर के 1990 बैच के वरिष्ठ आइएएस अधिकारी प्रबोध सक्सेना को दागी अधिकारियों की सूची से बाहर रखने का लेकर दायर याचिका की सुनवाई करते हुए प्रदेश हाईकोर्ट ने जयराम सरकार को नोटिस जारी कर दिया हैं। इस मामले में मुख्य न्यायाधीश ए ए सईद और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल दुआ की खंडपीठ ने सरकार से तीन सप्ताह के भीतर जवाब दायर करने के आदेश दिए हैं।
अब तीन सप्ताह के भीतर इस संवेदनशील मामले में सरकार क्या जवाब देती है यह महत्वपूर्ण हो गया है व इस मामले पर तमाम नौकरशाहों की नजर लग गई हैं। इसके अलावा सरकार ने जिन अधिकारियों को दागी अधिकारियों की सूची में भी डाल रखा है उनकी भी नजर लग गई हैं।
केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ की ओर से आइएनएक्स मीडिया घोटाले में अतिरिक्त मुख्य सचिव वित, पर्यावरण,कार्मिक सक्सेना को आरोपी बनाया गया है हालांकि प्रदेश की जयराम सरकार में वह सबसे ताकतवर आइएएस अधिकारी हैं।
वरिष्ठ पत्रकार व संपादक बलदेव शर्मा ने अदालत में अर्जी दाखिल कर कहा था कि सक्सेना के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी के बाद सीबीआइ ने दिल्ली में सीबीआइ की अदालत में चालान पेश कर दिया है । ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के मुताबिक उन्हें दागी अफसरों की सूची में डाला जाना चाहिए था। लेकिन वह अब तक इस सूची से बाहर रहे हैं व अपने रसूख के चलते वह प्रदेश सरकार में बेहद महत्वपूर्ण महकमों के मुखिया हैं।
बीते रोज मंगलवार को इस मामले में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि सक्सेना के खिलाफ अभी तक अदालत में आरोप तय नहीं हुए हैं इसलिए उन्हें दागी अधिकारियों की सूची में नहीं डाला गया हैं।
खंडपीठ ने इसके बाद सरकार को नोटिस जारी कर दिया व तीन सप्ताह में जवाब तलब किया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि तीन सप्ताह बाद निर्धारित की जानी हैं।
हालांकि इस बावत महाधिवक्ता अशोक शर्मा ने मीडिया के पूछने पर कहा कि अदालत ने यह जवाब किसी विशेष अधिकारी को लेकर तलब नहीं किया है बल्कि सभी ऐसे अधिकारियों को लेकर जवाब मांगा हैं। जिस विशेष अधिकारी को लेकर अर्जी दाखिल हुई है वह मामला प्रेरित भी हो सकता है नहीं भी हो सकता है। यह सनसनी फैलाने के लिए भी हो सकता है। इस मामले में तमाम दस्तावेज उन्होंने सरकार से मंगवाए थे। सरकार अदालत में जवाब दे देंगी।
आचार संहिता के दौरान सरकार के जवाब पर सबकी नजर
अब इस मामले में सबकी नजर नहीं लगी है कि सरकार इस अधिकारी को लेकर अदालत में क्या जवाब देती है। जब सरकार को इस मामले में जवाब देना है तब प्रदेश में विधानसभा चुनावों को लेकर आचार संहिता चुकी होगी।
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