शिमला।मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व परिवहन मंत्री जीएस बाली के बीच एक अरसे चल रही रार की ज्वाला को एक फोन ने तात्कालिक तौर पर कुछ शांत किया है।फोन का ये दावा किसी और ने नहीं परिवहन मंत्री जी एस बाली ने खुद राजधानी शिमला में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में किया ।बुधवार शाम से सता के गलियारों से यह खबरें बाहर आ रही थी कि बाली वीरभद्र सिंह की कारगुजारी को लेकर कोई खुलासा करने वाले है व अपना इस्तीफा देने वाले है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
बाली ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वीरभद्र सिंह ने उन्हें सुबह फोन किया और कहा कि आप अच्छा काम कर रहे है आपको इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है।उन्होंने कहा कि वो मुख्यमंत्री के काम से खुश है और मुख्यमंत्री उनके काम से।ऐसे में इस्तीफा देने का कोई मतलब नहीं है।।लेकिन बताते है कि दोनों में रार चली हुई है, इसलिए वीरभद्र सिंह ने बाली को फोन किया होगा।
बाली इससे पहले भी एक बार इस्तीफा दे चुके है।तब उन्हें अमित पाल सिंह और तत्कालीन मुख्य सचि व एस राय ने मनाया था वे बाली के घर गए थे। यही नहीं बाली बातों ही बातों में यह भी कह गए कि ये कौन जानता है कि 6 अगस्त से शुरू होने वाला विधानसभा का मानसून सत्र चलेगा भी या नहीं।ऐसा उन्होंने दो बार कहा। संवाददाता सम्मेलन के बाद सचिवालय में बाली की बातों को लेकर सरकार के बारे में तरह तरह के क्यास लगाए जा रहे है।
परिवहन मंत्री जी एस बाली ने वीरवार को आनन फानन में संवाददाता सम्मेलन बुलाया।संवाददाता सम्मेलन बस हादसों को लेकर बुलाई गई थी लेकिन इसने राजनीतिक रंग ले लिया।बीते दिनों भाजपा विधायक व पूर्व परिवहन मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने सड़क हादसों पर बाली का इस्तीफा मांगा था।सूत्रों के मुताबिक महेंद्र सिंह इन दिनों मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के करीब है।जबकि बाली और धूमल की दोस्ती जगजाहिर है।
बाली ने कहा कि वीरभद्र सिंह ने उनसे कभी भी इस्तीफा नहीं मांगा । उन्होंने खुद ही एक बार पहले ही इस्तीफा ऑफर किया था।वह चाहते तो उसे मंजूर कर सकते थे।गौरतलब हो कि वीरभद्र सिंह ने बुधवार को कहा था कि जो मंत्री इस्तीफा देना चाहते है वो ऐस करने को आजाद है।इस पर बाली ने कहा कि जिन मंत्रियों के बारे में मुख्यमंत्री ने इस तरह का इशारा किया है उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।वह वीरभद्र सिंह की बातों से इतेफाक रखते है।
पांच सालों में सड़क हादसों ने ली 5450 जानें
सड़क हादसों में मारे जा रहे लोगों का ब्योरा देते हुए कहा कि पिछले पांच सालों में प्रदेश में सड़क हादसों में 5450 लोगोंकी जाने जा चुकी है।बाली ने दावा किया कि ये आंकड़ा देश के बाकी पहाड़ी राज्यों में सड़क हादसों में मारे गए लोगों से कम है। उन्होंने कहा कि सड़क हादसों के लिए मंत्री कैसे जिम्मेदार हो सकता है। इसके लिए प्रदेश की बदहाल सड़के जिम्मेदार है।
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