शिमला।राष्ट्रीय स्तर पर केंद्र सरकार की ओर से तमाम डिसकॉम की कराई गई रैंकिंग में हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड की रैंकिंग गिर कर 53वें स्थान पर पहुंच गई हैं जबकि कभी ये रैंकिंग चौथे व पांचवे स्थान पर होती थी। लेकिन सुक्खू सरकार में बिजली बोर्ड की ऐसी तैसी घुमा दी गई हैं।
बिजली बोर्ड के कर्मचारियों, इंजीनयिरों और पेंशनरों की ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने इसका ठीकरा बिजली बोर्ड के पूर्व एमडी आइएएस हरिकेष मीणा के सिर फोड़ा हैं। समिति के सह संयोजक हीरालाल वर्मा और कर्मचारी नेताओं ने बीते रोज रामपुर में आयोजित महापंचायत में बिजली बोर्ड को तबाह करने के सुक्खू सरकार और बिजली बोर्ड के तमाम तौर तरीकों का खुलासा किया। इन नेताओं ने कहा कि मीणा ने बोर्ड को इतनी बुरी से अव्यवस्थित कर दिया कि उसकी मार अभी भी बोर्ड के कर्मचारी और पेंशनर्स झेल रहे हैं।
वर्मा ने कहा कि बिजली बोर्ड के अफसरों ने बोर्ड को पूरी तरह से अव्यवस्थित कर दिया हैं। बोर्ड की रैंकिंग गिरने से बोर्ड के लिए तमाम तरह की दिक्कतें खड़ी हो जाएंगी।
उन्होंने कहा कि सरकार के विभिन्न विभागों ने बिजली बोर्ड के 260 करोड़ रुपए के बिल अदा नहीं किए है। ये 2024 से अभी तक है। इसके अलाव उपभोक्ताओं को फ्री में दी जा रही 125 यूनिट बिजली के एवज में 710 करोड़ की अदायगी भी बिजली बोर्ड को नहीं की जा रही है।जिससे बिजली बोर्ड की आर्थिक स्थिति तबाह कर दी गई है। वर्मा ने कहा कि बिजली बोर्ड के अस्तित्व को ही तबाह करने का काम हो रहा हैं।
बिजली बोर्ड में 9000 पद खाली पड़े है , इन्हें भरने के बजाय सरकार युक्तिकरण के नाम पर पदों को समाप्त करने की मुहिम छेड़े हुए है और कर्मचारियों व अधिकारियों को सरप्लस दिखा कर दूसरे विभागों में भेजा जा रहा हैं।
महापंचायत में बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन के उपाध्यक्ष नीतिश कुमार की सेवाएं बहाल करने की मांग की गई हैं। उन्हें हमीरपुर में हुई बिजली संयुक्त मोर्चा की महापंचयत के बबाद बर्खास्त कर दिया था।
बिजली बोर्ड में एकतरफा युक्तिकरण और पदों में कटौती पर रोक लगाने,हाल ही में समाप्त किए गए 51 पदों को बहाल करने,बिजली बोर्ड में कर्मचारियों की भारी कमी को देखते हुए बोर्ड़ द्वारा अनुमोदित टीमेट के 1030 पदों के लिए तुरंत भर्ती प्रक्रिया शुरू करने और चयन आयोग को चयन कर भेजे गए जे0ओ0ए0 (आई0टी0) की बिजली बोर्ड में नियुक्ति प्रदान करने की मांग की गई।
मई, 2003 के बाद भर्ती बिजली कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली को लागू करने और पिछले दो वर्षों से लंबित पेंशनरों के पेंशन बकाया राशि, लीव इंकेशमेंट और ग्रेच्युटी की अदायगी करने की भी मांग की गई।
बिजली बोर्ड में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों को स्थायी नीति बनाने और छंटनी किए गए 81 ड्राइवरों (आउटसोर्स) को फिर से काम पर रखने,बिजली बोर्ड के सब स्टेशन एवं पावर हाउस के संचालन एवं रख-रखाव की आउटसोर्सिंग बंद करने के अलावा बिजली बोर्ड़ कर्मचारी, अभियंता व पेंशनर्ज की जेएसी की ओर से उठाए गए मुद्दों पर तुरंत बातचीत कर गतिरोध तोड़ने में पहल करने की मांग की गई। वहीँ एलान किया कि प्रदेश सरकार की ओर से कोई पहल न होने पर अगली जिला बिजली पंचायत सिरमौर में 3 जून,2025 को होनी निश्चित की गई जिसमें नई रणनीति तैयार की जाएगी।
रामपुर में आयोजित महापंचायत में ज्वाइंट एक्शन कमेटी के सह-संयोजक हीरा लाल वर्मा के अतिरिक्त कुलदीप सिंह खरवाड़ा,डीएस ढटवालिया, कामेश्वर शर्मा, मुकेश राठी, सुन्दर जिस्टू, झाबा राम शर्मा, प्रशान्त शर्मा ज्योति नेगी, गोपाल ठाकुर और विनोद भैक ने खास तौर शिरकत की।
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