शिमला।हिमाचल प्रदेश के छोत्रों के मिलने वाली छात्रवृति में अरबों के घोटाले में मनी लॉंड्रिंग की जांच कर रहे प्रर्वतन निदेशालय यानी इडी ने राजधानी के पीएमएलए की विशेष अदालत में दो चालान दायर कर दिए हैं।
इनमें से एक चालान मां सरस्वती एजुकेशनल ट्रस्ट और पांच अन्य आरोपियों के खिलाफ दायर किया गया जबकि दूसरा चालान मेसर्स आईटीएफटी कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड और 5 अन्य आरोपियों के खिलाफ दायर किया गया हैं। विशेष न्यायालय (पीएमएलए), शिमला ने एक मई चालान में संज्ञान ले लिया और ट्रायल शुरू कर दिया हैं।
याद रहे मां सरस्वती एजुकेशनल ट्रस्ट हिमाचल में मौजूदा समय में हिमालयन ग्रुप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूशंस (एचजीपीआई), काला अंब चला रहा है। जबकि न्यू चंडीगढ़ में आईटीएफटी कॉलेज मेसर्स आईटीएफटी कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड की ओर से चलाया जा रहा था।
ऐसे किया था घोटाला
इडी ने हिमाचल प्रदेश के ओबीसी/एससी/एसटी छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत उच्च शिक्षा निदेशालय (डीओएचई), शिमला, की ओर से छात्रवृत्ति के वितरण में अनियमितता के संबंध में सीबीआई की ओर से दर्ज एफआइआर के आधार पर इस मामले में जांच शुरू की थी।
ईडी की जांच से पता चला कि इन संस्थानों ने उन छात्रों के विवरणों को सत्यापित करके धोखाधड़ी से छात्रवृत्ति राशि प्राप्त की थी, जो इन संस्थानों के साथ किसी भी पाठ्यक्रम में नामांकित नहीं थे और वे छात्र जो अपनी पढ़ाई पूरी किए बिना संस्थान छोड़ गए थे।
इसके अलावा, धोखाधड़ी से अधिक छात्रवृत्ति राशि प्राप्त करने के लिए, बाद के वर्षों में छात्रों की जाति श्रेणी को धोखाधड़ी से बदलकर एचपी-ई पास पोर्टल (डीओएचई, शिमला का छात्रवृत्ति पोर्टल) पर छात्रों के झूठे विवरण अपलोड किए गए थे; छात्रों को डे स्कॉलर के बजाय छात्रावासी दिखाना और दूरस्थ शिक्षा पाठ्यक्रमों के लिए फर्जी कोर्स फीस संरचना का दावा करना आदि।
विकास बंसल और गुलशन शर्मा समेत कई हुए अरेस्ट
जांच के दौरान एचजीपीआई के उपाध्यक्ष विकास बंसल और आईटीएफटी, न्यू चंडीगढ़ के कार्यकारी निदेशक गुलशन शर्मा नामक दो व्यक्तियों को मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में दोषी पाए जाने पर 30 जनवरी 2025 को गिरफ्तार किया गया।
(इससे पहले इस मामले में 30 अगस्त 2023 को चार व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया गया था।गिरफ्तार किए गए सभी छह आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। इसके अलावा, इस मामले में 30.5 करोड़ रुपये (लगभग) मूल्य की चल और अचल संपत्तियां अनंतिम रूप से कुर्क की गई हैं।
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