शिमला।मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू मंत्रिमंडल ने शिमला विकास योजना को संशोधित करने का फैसला कर सड़क से ऊपर स्थित ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में नवबहार से रामचन्द्रा चौक से मछीवाली कोठी से क्राइस्ट चर्च से लक्कड़ बाजार से आईजीएमसी से संजौली चौक से नवबहार तक जहां पेड़ नहीं हैं वहीं निर्माण की अनुमति दी जाएगी। शिमला विकास योजना के तहत ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में सिर्फ उन्हीं प्लाटों पर आवासीय निर्माण को अनुमति प्रदान की जाएगी जहां पेड़ नहीं हैं।
याद रहे राजधानी में अभी बरसात में भारी तबाही मची भी थी व राजधानी कितना बोझ उठा सकती है इसे लेकर अदालतों में पहले ही खुलासा हो चुका हैं और मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। बावजूद इसके सुखविंदर सिंह सुक्खू केबिनेट ने आज ये फैसला लेकर बड़ा कांड कर दिया हैं। सभी जानते है कि एनजीटी ने ग्रीन बेल्ट में निर्माण पर पांबदी लगा रखी है और मामला सुप्रीम कोर्ट में हैं। बाकी जगहों पर भी ढाइ मंजिल से ज्यादा निर्माण नहीं हो सकता। बावजूद इसके सुक्खू केबिनेट का इस तरह का फैसला लेना केबिनेट सदस्यों की मंशाओं पर भी सवाल उठाता है । साथ ही नौकरशाही की कार्यशैली भी कटघरे में खड़ी होती हैं। प्रदेश में पिछले कुछ सालों से इस तरह के चलन शुरू हो गए है कि अदालतों के फैसलों का लिहाज कम रखा जाना लगा हैं। अमूमन ऐसा तब होता है जब नेतृत्व का कद शांता-वीरभद्र सिंह के मुकाबले कमतर होता हैं।
मंत्रिमंडल ने नाला और खड्ड से क्रमशः पांच और सात मीटर की दूरी पर निर्माण को अनुमति देने के लिए हिमाचल प्रदेश नगर एवं ग्राम योजना नियमों को संशोधित करने का निर्णय लिया। यह फैसल कितना जायज है इस पर भी सवाल है। हाल में बरसात में नालों में खडडों के आस पास के भूखंड कई जगहों पर गायब हो गए हैं।
सुक्खू केबिनेट ने आज की मंत्रिमंडल की बैठक में वन विभाग की वन मित्र योजना को मंजूरी प्रदान की गई। इस योजना के तहत 2061 वन बीटों में एक-एक वन मित्र लगाए जाएंगे ताकि जमीनी स्तर के संस्थानों को शामिल करके वन क्षेत्रों के संरक्षण और विकास के लिए स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।
मंत्रिमंडल ने वन विभाग में वन रक्षकों के 100 रिक्त पदों को अनुबंध आधार पर भरने को भी मंजूरी प्रदान की।
बैठक में जल शक्ति विभाग के जल रक्षकोंए बहु उद्देशीय कार्यकर्ताओं, पैरा फिटर और पैरा पम्प ऑपरेटर के मानदेय को 500 रुपये मासिक बढ़ाकर क्रमशः 5000 रुपए 4400 रुपए 6000 रुपये और 6000 रुपये करने का निर्णय लिया गया।
मंत्रिमंडल ने ऊना जिला में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत 76.50 करोड़ रुपये की लागत से पीपीपी मोड में बाबा माई दास भवन पार्किंग चिन्तपूर्णी से मंदिर तक यात्री रोपवे प्रणाली स्थापित करने को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी प्रदान की।
मंत्रिमंडल ने परिवहन विभाग में 15 -टैक्सियां किराए पर लेने को मंजूरी प्रदान की।
बैठक में राज्य के सभी जिलों में आपात स्थिति के दौरान वैकल्पिक संचार के लिए एमेच्योर और सामुदायिक रेडियो को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया। इससे सूचना स्रोतों, आपातकालीन प्रबन्धकों और आपदा या आपातकालीन स्थितियों से प्रभावित लोगों के बीच प्रभावी सूचना आदान.प्रदान सुनिश्चित होगा।
बैठक में सीसे यानी लैड पर अतिरिक्त माल कर 25 पैसे प्रति किलोग्राम की दर से कम करने का निर्णय लिया गया।
मंत्रिमंडल ने प्रदेश में लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा के लिए राज्य में निजी संचालकों के लिए 234 रूट और टैम्पो ट्रेवलर्ज के 100 अतिरिक्त रूट प्रदान करने का निर्णय लिया।
बैठक में परिवहन विभाग के यातायात निरीक्षकों, मोटर वाहन निरीक्षकों, वरिष्ठ मोटर वाहन निरीक्षकों तथा पुलिस विभाग के सहायक उप-निरीक्षकों व हैड कांस्टेबल को मोटर वाहन अधिनियम-1988 की विभिन्न धाराओं के तहत अपराधों को कम करने के लिए नामित प्राधिकारी घोषित करने की भी मंजूरी दी।
मंत्रिमंडल ने आपदा के कारण बेघर हुए लोगों और जिन लोगों के पास नया घर बनाने के लिए उपयुक्त भूमि उपलब्ध नहीं है उन्हें शहरी क्षेत्र में दो बिस्वा भूमि और ग्रामीण क्षेत्रों में तीन बिस्वा भूमि प्रदान करने का निर्णय लिया।
मंत्रिमंडल ने प्रदेश में आपदा प्रभावित परिवारों के लिए 30 सितम्बर को घोषित विशेष राहत पैकेज को मंजूरी प्रदान की। इस विशेष पैकेज के तहत घर के पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले 1.30 लाख रुपये के मुआवजे को साढ़े पांच गुणा बढ़ाकर सात लाख रुपये किया गया है। इसके अलावा कच्चे मकान के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले मुआवजे को 25 गुणा बढ़ाकर 4000 रुपये से एक लाख रुपये तथा पक्के घर के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले मुआवजे को साढ़े 15 गुणा बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है।
दुकान तथा ढाबा के क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले मुआवजे को 25000 रुपये से चार गुणा बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। प्रदेश सरकार गऊशाला को हुए नुकसान की भरपाई के लिए दी जाने वाली राशि को 3000 रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। प्रदेश सरकार किराएदारों के सामान के नुकसान के लिए दी जाने वाली 2500 रुपये की राशि को 20 गुणा बढ़ाकर 50 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान करेगी। दुधारू तथा भार उठाने वाले पशुओं की क्षति पर 55 हजार जबकि बकरीए सुअरए भेड़ तथा मेमने की मुआवजा राशि 6000 रुपये प्रति पशु की दर से प्रदान की जाएगी।
कृषि तथा बागवानी भूमि के नुकसान की भरपाई के लिए दी जाने वाली राशि मुआवजा राशि को 3615 रुपये प्रति बीघा से बढ़ाकर 10000 रुपये प्रति बीघा कर दिया है। फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए दी जाने वाली राशि को 500 रुपये प्रति बीघा को आठ गुणा बढ़ाकर 4000 रुपये किया गया है। कृषि तथा बागवानी भूमि से सिल्ट हटाने के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता को 1384.61 प्रति बीघा से बढ़ाकर 5000 रुपये किया गया है। यह विशेष पैकेज 24 जून से 30 सितम्बर 2023 तक प्रदान किया जाएगा।
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