शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट की डब्बल बेंच ने घाटे में चल रहे पर्यटन विकास निगम के 18 होटलों को 31 मार्च 2025 से बंद करने के फैसलें पर रोक लगा दी है। लेकिन ये रोक अगले आदेशों तक ही लगाई गई हैं और अगली सुनवाई तीन जनवरी 2025 को निर्धारित की है।
जस्टिस विवेक सिंह ठाकुर और जस्टिस राकेश कैंथला की खंडपीठ ने सरकार और पर्यटन निगम की ओर से बार-बार आग्रह करने और कर्मचारियों के देयों के भुगतान को लेकर कई आश्वासन देने के बाद ये स्टे दे दिया।
पर्यटन निगम की ओर से अदालत में आश्वासन दिया कि वो निगम से सेवानिवृत हो चुके कर्मचारियों जिनकी मौत हो चुकी है,उनके देयों का भुगतान 10 दिनों के भीतर कर देंगे। इसके अलावा सेवानिवृत हो चुके और 65 साल की उम्र पार कर चुके चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का 50 फीसद एरियर भी दस दिनों के भीतर अदा कर दिया जाएगा। इसके अलावा सेवानिवृत हो चुके 60 से 65 साल की उम्र के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का बकाया एक महीने और बाकी कर्मचारी का सेवानिवृति के बाद का तमाम देय का 30 जून 2025 तक भुगतान कर दिया जाएगा।
पर्यटन निगम ने खड़पीठ के समक्ष ये भी दलीलें दी कि जिन 18 होटलों को बंद करने का एकल जज जस्टिस अजय मोहन गोयल ने आदेश दिया है उनका निगम के पास 91 लाख 35 हजार रुपए के करीब एडवांस आ चुका है। अगर ये होटल बंद हो जाएंगे तो निगम को कानूनी दिक्कतों के अलावा इस रकम का नुकसान उठाना पड़ेगा।
इसके अलावा इन होटलों को बंद करने से निगम की छवि पर तो बुरा असर पड़ेगा ही साथ ही पर्यटन निगम के कारोबार पर भी असर पड़ेगा।
अगर इन 18 होटलों को बंद करने के आदेश को बहाल रखा जाता है तो चेन रिएक्शन होगा और ग्राहक निजी होटलों को बुक कराने लगेंगे।
सरकार और निगम की ओर से और भी कई दलीलें दी गई। दूसरी ओर से पर्यटन निगम के कर्मचारी की ओर से पैरवी कर रहे एडवोकेट ओम प्रकाश गोयल ने खंडपीठ से कहा कि जिन कर्मचारियों को उनके देयों का भुगतान किया गया है उन्हें में किसी एक को भी ब्याज की अदायगी नहीं की गई है। इस पर निगम की ओर से कहा गया कि ये अदायगी भी कर दी जाएगी।
सरकार व पर्यटन निगम ने ये भी कहा कि इन संपतियों को निजी हाथों में देने के निगम के पहले के अनुभव ठीक नहीं रहे है। ये नीति गत मामला भी है। ऐसे में सरकार व निगम को इन होटलों को मुनाफे में लाने के लिए मौका दिया जाना चाहिए।
आखिर में खंडपीठ ने एकल जज जस्टिस अजय मोहन गोयल के 18 होटलों को 31 मार्च 2025 से बंद करने के आदेशों पर आगामी आदेशों तक रोक लगा दी।
हालांकि जस्टिस गोयल ने 18 में से नौ होटलों को चलाने की इजाजत पहले ही अपने आदेश में बदलाव करते हुए दे दी थी। अब मामले की अगली सुनवाई 3 जनवरी को होनी है।
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