शिमला। जिला के कुमारसेन और ननखडी स्वास्थ्य खंडों में कोविड से निपटने के लिए जिला से भेजी सामाग्री में खून से लथपथ दस्ताने और निरोध आदि मिलने से हडकंप मच गया है। कुमारसेन को यह सामाग्री जिला से अप्रैल महीने में भेजी गई थी ताकि कोविड में लगे डाक्टरों व अन्य स्टाफ को बेहतर सामान मुहैया कराया जा सके। लेकिन 11 व 12 मई को जब डाक्टरों ने
सामान की पेटी खोली तो उसमें खून से सने दस्ताने मिलने से डॉक्टर हैरान रह गए।इन दस्तानों में यह खून सूख चुका था। इसके अलावा निरोध भी मिले है।
एसडीएम कुमारसेन गुनजीत सिंह चीमा ने कहा कि दस्ताने तो खराब थे ही । इस्तेमाल किए गए निरोध भी मिले है। उनके ध्यान में ये मामला आया है। उनके पास अभी कोई शिकायत नहीं आई है। अगर कोई शिकायत आती है तो वह अपने चैनल से भी कार्रवाई करेंगे। यह निंदनीय है। उन्होंने कहा कि यह खरीद स्वास्थ्य विभाग ने अपने तौर पर की है। ऐसे में विभाग कार्यवाही कर रहा होगा।
कुमारसेन में एक डाक्टर और एक नर्स कोरोना संक्रमित हा गई है। संदेह जताया जा रहा है कि कहीं इसी समाग्री के संपर्क में आने की वजह से तो यह संक्रमित नहीं हो गई । हालांकि यह अभी संदेह ही है।
इसी तरह का सामान ननखडी स्वास्थ्य खंड में भी मिला है। इन दोनों खडों के स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारियों ने मामले को मुख्य चिकित्सा अधिकारी के नोटिस में ला दिया है।
कुमारसेन में इस तरह की सामाग्री मिलने के बाद डॉक्टरों व अन्य स्टाफ को अस्पताल के पैसे से दस्ताने खरीद कर काम चलाना पडा । खंड चिकित्सा अधिकारी कुमारसेन कुमारसेन तारा चंद नेगी ने कहा कि उन्होंने मामले को मुख्य चिकित्सा अधिकारी को लिख कर दे दिया है।
उन्होंने कहा कि उन्हें यह सामाग्री जिला से स्टोर से भेजी अप्रैल महीने में भेजी गई व उन्होंने इन पेटियों को जब 11 -12 मई को खोला तो उसमें अन्य सामाग्री के साथ यह सामान भी पाया गया। नेगी ने कहा कि ये इस्तेमाल किए गए दस्ताने थे । जबकि निरोध भी पाए गए थे।
उधर, बताया जा रहा है कि ननखडी में भी इसी तरह के खराब दस्ताने आए हैं। यहां भी निरोध मिले थे। लेकिन यहां के खंड चिकित्सा अधिकारी इस बावत पुष्टि नहीं कर रहे है। चूंकि यह मामले 11 -12 मई का है तो इन अधिकारियों को यह डर हो गया है कि सरकार के नोटिस में इतनी देरी से लाने के लिए उनके खिलाफ ही कोई कार्यवाही न हो जाए। उन्होंने कहा कि खराब दस्ताने मिले है।
जानकारी के मुताबिक इस सामाग्री को केंद्र सरकार के जैम पोर्टल के जरिए खरीदा गया है व यह सामाग्री राजस्थान की किसी कंपनी की ओर से भेजी गई है।मुख्य चिकित्सा अधिकारी शिमला सुरेखा चोपडा ने कहा कि दस्ताने जैम पोर्टल के जरिए खरीदे गए थे व मामले की आंतरिक जांच के आदेश दे दिए गए है। आंतरिक जांच की रिपोर्ट मिलने के बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।
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