हमीरपुर। दी हमीरपुर उपभोक्ता संरक्षण संगठन शीघ्र ही आईपीएच हमीरपुर के विरूद्ध अदालत के निर्णय की अवहेलना का केस दायर करने जा रहा है। ये एलान हमीरपुर में सोमवार को संगठन के अध्यक्ष सुशील शर्मा ने पत्रकारों के सामने किया। उन्होंने कहा कि संगठन द्वारा वर्ष 2006 में हमीरपुर की उपभोक्ता अदालत में दूषित पेयजल आपूर्ति के खिलाफ मामला दायर किया था तथा 12 मार्च 2008 को अदालत ने आईपीएच विभाग को हमीरपुर में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति उपलब्ध करवाने, कसत्यापित लैब से पानी के सैंपल टैस्ट करवाने तथा उस टैस्ट रिपोर्ट को शिकायतकर्ता को देने के आदेश दिए गए थे। लेकिन पांच साल बीत जाने के बावजूद न तो आईपीएच विभाग ने हमीरपुर में दूषित पेयजल आपूर्ति को ठीक करने की तरफ कदम उठाए और न ही शिकायतकर्ता को लैब रिपोर्ट सौंपी।
उन्होंने बताया कि 22 जून 2013 को संगठन ने जल भवन हमीरपुर में आईपीएच के मुख्य अभियंता के कार्यालय में मुंह पर पटिटयां बांधकर धरना दिया था। उस समय मु ख्य अभियंता ने गलती मानते हुए स्वीकार किया था कि विभाग द्वारा ही कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने मौखिक आदेश दिए थे कि टैस्ट लैब की कॉपी सप्लाई करने के जि मेदार लोगों को चार्ज शीट किया जाए परंतु अब उस बात को हुए भी दो माह हो गए हैं लेकिन अभी तक टैस्ट लैब की रिपोर्ट संगठन को नहीं सौंपी गई है। संगठन के अध्यक्ष ने कहा कि इस समय हमीरपुर में जल आपूर्ति की स्थिति अत्यंत विकराल हो गई है। हमीरपुर नगर में करीब डेढ़ माह से पानी की आपूर्ति काफी कम हो गई है तथा पिछले 15 दिनों से पेयजल आपूर्तिपूर्णतया ठप्प हो गई है।
उन्होंने कहा कि विभाग के लचर व नकारात्मक रवैय्ये से तंग आकर मजबूरी में संगठन को आईपीएच विभाग के खिलाफ अदालत के निर्णय की अवहेलना का मामला दायर करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि संगठन द्वारा मु यमंत्री को भी पत्र लिखकर हमीरपुर जिला में पेयजल आपूर्ति की स्थिति से अवगत करवाया गया है।
संगठन ने मु यमंत्री से पूछा है कि हमीरपुर को प्यासा रखकर कैसे चुनाव जीतने की सोच रहे हैं। इस अवसर पर संगठन के कोषाध्यक्ष एसके कौड़ा तथा सदस्य रणजीत सिंह ठाकुर भी उपस्थित थे।
रिपोर्ट-रजनीश शर्मा
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