शिमला। एडीजीपी सीआईडी सीताराम मरढ़ी और केंद्र में प्रतिनियुक्त मेें एसएसबी में तैनात आईपीएस अफसर सुमेश गोयल को प्रमोट कर सरकार ने डीजी बना दिया है। इस प्रमोशन के साथ वीरभद्र सिंह सरकार ने सीताराम मरढी से सीआईडी का महत्वपूर्ण विभाग छीन कर उन्हेें होमगार्ड व जेल का डीजी बना दिया गया है। सुमेश गोयल एसएसबी है।सीआईडी का जिम्मा व डीजीपी संजय कुमार को दिया गया है।
बीते दिनों सरकार ने केवल सीताराम मरढ़ी की ही प्रमोट करने कीफाइल चलाई थी जिस पर सुमेश गोयल ने सरकार को चिटठी लिखकर अपना रोष जताया था व धमकी दी थी कि अगर उन्हें नजरअंदाज किया गया तो वो अदालत का दरवाजा खटखटा देंगे। सुमेश गोयल 1984 बैच के अफसर है जबकि मरढी 1986 बैच केअफसर है।
भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक मरढी़ से सीआईडी विभाग इसलिए छीना गया है क्योंकि शिमला में भाजपा मुख्यालय पर वीरभद्र सिंह के बेटे व युवा कांग्रेस अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह की कमान में किए गए प्रदर्शन के दौरान खूनी कांड हो गया था। इसके अलावा विक्रमादित्य को अदालतों के चक्कर काटने पड़े थे। गवर्नर कल्याण सिंह ने इस मामले में पुलिस अफसर डीजीपी संजय कुमार,एडीजीपी सीआईडी सीताराम मरढी और एसपी शिमला डीडब्ल्यू नेगी को राजभवन में तलब कर जवाब मांगा था। इससे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की खूब फजीहत हुई थी।
इसके अलावा आईपीएस अफसरों का एक धड़ा भी मरढ़ी को सीआईडी से बाहर करना चाहता था। इस लॉबी को भाजपा मुख्यालय पर हुए कांड का बहाना मिल गया और उनसे सीआईडी का जिम्मा छीन लिया गया है। पिछले दिनों पुलिस सर्कल में मरढ़ी को डीजी बनाने की चर्चाएं थी।जिससे दूसरी लॉबी सक्रिया हो गई और मरढ़ी को होमगार्ड का डीजी बना दिया। पहले ये जिम्मा डीजीपी संजय कुमार के पास ही था।अब वो इस जिमेदारी से मुक्त हो गए है।
मरढ़ी को वीरभद्र सिंह के अलावा भाजपा नेता व पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का भी करीबी माना जाता है।
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