शिमला। जेपी के सीमेंट कारखाने के लिए की गई खुदाई से निकले मलबे जिला सोलन के अर्की की पंचायत मांगल में हुए नुकसान की कई सालों से भरपाई न होने से नाराज प्रभावितों ने आज से अर्की एसडीएम कार्यालय के बाहर क्रमिक भूख हड़ताल जारी कर दी है।
मांगल विकास परिषद के बैनर ले शुरू हुई इस हड़ताल की शुरूआत गांव भलग के बृजलाल, नानक चंद व गांव समत्याड़ी के भागचंद ने की है।इन तीनों ग्रामीणों के घर ,घराट, खेत खलिहान व फसले जेपी के सीमेंट कारखाने से निकले मलबे को गैर कानूनी व अवैज्ञानिक तरीके से फेंकने की वजह से दब गए है।
प्रदेश हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद जिला सोलन प्रशासन इन गांवों के दर्जनों प्रभावितों को नुकसान का मुआवजा दिलाने में नाकाम रहा है।यहीं नहीं पानी के स्त्रोतों को बहाल नहीं किया गया है।
हाईकोर्ट में वीपी मोहन कमेटी की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट में यहां मची तबाही का खुलासा है। इन ग्रामीणों के मुताबिक न प्रशासन जागा और न ही जेपी ने नुकसान की भरपाई की । इन ग्रामीणों ने कहा उन्हें 2008 से लेकरअब तक कोई मुआवजा नहीं मिला है। जबकि उनकी जमीनें मलबे से अटी पड़ी है।
ग्रामीणों की मांग पर एडीएम सोलन सीपी वर्मा ने एसडीएम अर्की एल एआर वर्मा को कार्रवाई के आदेश दिए थे। लेकिन ग्रामीणों को मुआवजा नहीं मिला।
अब ग्रामीणों ने क्रमिक भूख हड़ताल कर दी है।
मांगल विकास परिषद के महासचिव व मांगल पंचायत के प्रधान नंद लाल चौहान ने एलान किया कि जब तक लोगों को मुआवजा नहीं मिलता है और हाईकोर्ट के आदेशों की पालना पूरी तरह से नहीं होतीहै। उनका आंदोलन जारी रहेगा।
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