शिमला। अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी की ओर से बुधवार को जारी 71 प्रत्याशियों की सूची में हिमाचल से तीन सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए जाने के बाद कांग्रेस पार्टी ने हमीरपुर लोकसभा सीट से धूमल के लाडले रहे व कालगर्ल कांड से जुड़े राजेंद्र राणा को टिकट दे दिया है। उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है है। मंडी से मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को टिकट दी गई है। वह अभी भी मंडी से कांग्रेस सांसद है। शिमला से रोहड़ू के विधायक मोहन लाल ब्राकटा व कांगड़ा से चंद्र कुमार चुनाव मैदान में उतार दिया है। वीरभद्र सिंह के दबाव के आगे आलाकमान को शिमला सीट से विनोद सुल्तान पुरी को प्रत्याशी बनाए जाने फैसला बदलना पड़ा है। इस सीट से पहले सुलतानपुरी को प्रत्याशी बनाया जा रहा था। ये तय हो जाने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सुक्खू दिल्ली से बुधवार को ही वापस हिमाचल लौट आए थे। लेकिन वीरभद्र सिंह दिल्ली में ही डटे रहे और वो वीरवार दोपहर बाद शिमला को रवाना हुए।
इन तीनों टिकटों के बंटवारे पर वीरभद्रसिंह का जोर चला है जबकि कांग्रेस अध्यक्ष सुक्खू की नहीं सुनी गई है। सुक्खू शिमला आरक्षित सीट से युवा चेहरे विनोद सुल्तानपुरी को प्रत्याशी बनाए जाने का जोर लगा रहे थे ।लेकिन आलाकमान ने पार्टी अध्यक्ष नहीं मुख्यमंत्री की ओर से आगे किए नामों को तरजीह दी है। सूत्रों के मुताबिक वीरभद्र सिंह ने आलाकमान को भरोसा दिया कि अगर कांग्रेस को चारों सीटे जीतनी है तो उन्हीं प्रत्याशियों को टिकट दिया जाए जिनकी वो वकालत कर रहे है।
उधर शक्रवार को पार्टी का टिकट हासिल करने के लिए हमीरपुर से निर्दलीय विधायक राजेंद्र राणा ने विधायक पद से इस्तीफा देकर कांग्रेस पार्टी की सदस्यता हासिल कर ली है। कांग्रेस ने उन्हें हमीरपुर से भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा दिया है।उनके नाम की औपचारिक घोषणा अभी होना बाकी है।
निर्दलीय विधायक जीतने के बाद कांग्रेस के एसोसिएट सदस्य बने राजेंद्र राणा ने आज विधानसभा में जाकर स्पीकर बृज बिहारी बुटेल को अपना इस्तीफा सौंपा।उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया गया ।इस मौके पर उनके साथ उदयोग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री, शिमला लोकसभा हलके से कांग्रेस प्रत्याशी मोहन लाल ब्राक्टा मौजूद रहे।
इसके बाद राजेंद्र राणा कांग्रेस मुख्यालय में गए और उन्होंने केबिनेट मंत्री विदया स्टोक्स,मुकेश अग्निहोत्री, कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू,महासचिव हरभजन सिंह भज्जी की मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता हासिल की।
इस मौके पर राजेंद्र राणा ने कहा कि वह कांग्रेस पार्टी को मजबूती के साथ एक कार्यकर्ता के रूप आगे बढ़ाएंगे।उन्होंने कहा कि वह भाजपा के हमीरपुर से प्रत्याशी अनुराग ठाकुर के खिलाफ ताल ठोकेंगे। उन्होंने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार में उनको तवज्जों नहीं दी गई। जबकि कांग्रेस ने उन्हें खूब मान सम्मान दिया।
कांग्रेस में शामिल करने के लिए उन्होंने यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी,उपाध्यक्ष राहुल गांधी, प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ठाकुर सुखविन्दर सिंह सुक्खू का आभार जताया।इसके बाद वह सचिवालय में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से मिले।उन्होंने कहा कि उन्होंने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी 26000 हजार मतों से सुजानपुर से 2012 में विधानसभा हलके से जीत थे
सुक्खू कर रहे थे विरोध
हमीरपुर से कांग्रेस का टिकट देने के लिए पार्टी अध्यक्ष सुखविंदर सुक्खू लगातार विरोध कर रहे थे। वहीं ही नहीं कांग्रेस के कई और नेता भी उनके खिलाफ थे। इन कांग्रेस नेताओं का कहना था कि भाजपा वर्चस्व वाली हमीरपुर लोकसभा सीट को कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं ने प्रयोगशाला बना दिया। पहले भाजपा के कददावर नेता जगदेव सिंह के बेटे नरेंद्र ठाकुर को भाजपा में शामिल किया गया । उन्हें लोकसभा का टिकट दिया गया। इसके बाद अब राजेंद्र राणा को कांग्रेस में शामिल किया गया है
खाली हुई सुजानपुर विधानसभा सीट
निर्दलीय विधायक राजेंद्र राणा की ओर से विधायक पद से इस्तीफा देने से सुजानपुर विधानसभा हलके से विधायक की सीट खाली हो गई है। अब इस सीट पर उप चुनाव होना है। राजेंद्र राणा जीते या हारे यहां से उप चुनाव होना ही है। जबकि रोहड़ू से कांग्रेस प्रत्याशी मोहनलाल ब्राक्टा के जीतने पर ही यहां विधायक पद के लिए उप चुनावहोगा। अगर ब्राकटा हार जाते है तो वह विधायक बने रहेंगे।
विधानसभा में अब कुल 67 विधायक
प्रदेश की 68 विधायकों की विधानसभा में अब 67 ही विधायक बचे है। इनमें कांग्रेस के 36, कांग्रेस के एसोसिएट सदस्य 4,भाजपा के 26 और हिलोपा का एक विधायक है।
कांगेस की चार्जशीट में राणा पर कालगर्ल कांड में शामिल होने का आरोप
पूर्व धूमल सरकार में राजेंद्र राणा सरकार ही मीडिया सलाकार समिति के अध्यक्ष थे। इस बीच राजधानी के वुडविला होटल में कालगर्ल्ज के साथ रंगरलियां मनाने की सूचना पर पुलिस ने होटल पर छापेमारी कर दी और वहां पर राजेंद्र राणा व प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी पुलिस की निगाह में आ गए।उस समय मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मीडिया से कहा था कि अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई तो वह इस मामले की जांच कराएंगे। लेकिन सरकार आने के बाद राणा वीरभद्रसिंह के लाडले बन गए। ये मामला कांग्रेस की चार्जशीट में भी शामिल है लेकिन जांच नहीं हुई।
इसके बाद राणा को मीडिया सलाहकार समित के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा।धूमल के बेहद करीबी राणा 2012 के विधानसभा चुनावों में सुजानपुर से बतौर निर्दलीय खड़े हुए और 26000 हजार वोटों से जीत गए ।
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