शिमला।सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह को बीते रोज मंडी संसदीय हलके से भाजपा प्रत्याशी कंगणा रणौत ‘छोटा पप्पू’ कहकर फंस गई थी। वह मनाली में एक जनसभा में राहुल गांधी को ‘बड़ा पप्पू‘ और विक्रमादित्य सिंह को ‘छोटा पप्पू’ कह गई थी। जवाब में विकमादित्य सिंह ने कंगणा से कहा कि ऐसी शब्दावली इस्तेमाल करने के लिए उनका आभार और उन्होंने कंगणा को ‘बड़ी बहन’ कह डाला।
इस वाक विदया में कंगणा फंस गई और आज कंगणा ने विक्रमादित्य सिंह को छोटा भाई विक्रम कह डाला।अब ये लड़ाई भाई-बहन की बन गई हैं। कंगणा 24 घंटों से भी कम समय के भीतर पलट गई। जबकि जयराम व पूर्व मंत्री गोबिंद राम ठाकुर विक्रमादित्य को पलटूराम कहते नहीं थक रही। लेकिन अब कंगणा खुद ही पलटूरानी बन गई।पहले छोटा पप्पू बोलती व अब छोटा भाई विक्रम बोल रही हैं।
शायद कंगणा को यह पता नहीं रहा होगा कि हालीलाज कांग्रेस के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से अच्छे रिश्ते रहे हैं। इस परिवार को लेकर वो भी कुछ नहीं कहते। यही कारण रहा था कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नडडा भी इस परिवार के करीबी रहे हैं। ये तो धूमल परिवार व भाजपा के पूर्व नेता अरुण जेटली थे कि इस परिवार के खिलाफ सीबीआइ और इडी खुंखार तरीके से पीछे पड़ गई थी। अब तो सब कुछ शांत हैं।ऐसे में अब टवेंटी-टवेंटी का खेल ही होना हैं।
गौर हो कि कांग्रेस ने मंडी संसदीय हलके से अभी तक किसी को चुनाव मैदान में नहीं उतारा है लेकिन भाजपा को लगता है कि मंत्री विक्रमादित्य सिंह मंडी संसदीय हलके से कांग्रेस के प्रत्याशी हो सकते है। इसलिए भाजपा व कंगणा ने पहले ही उनको निशाने पर लेना शुरू कर दिया हैं।
भाजपा मैदान में अभी एकतरफा ही जंग लड़ रही हैं व कांग्रेस को वह कैसे घेरेंगी इस बावत उसने अपने पत्ते खोल दिए हैं। चाहे वह फिर कंगणा हो या जयराम या फिर गोबिंद ठाकुर। हालांकि अभी ये तय ही है कि विक्रमादित्य सिंह की मंडी से कांग्रेस के प्रत्याशी होंगे लेकिन जब तक टिकट हाथ में नहीं आ जाता तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता।
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