शिमला। मंडी संसदीय हलके की राजनीति में रोजाना फिल्मी कथानक में जिस तरह से मोड़ आ जाते है उसी तरह से यहां भी एक के बाद एक करके मोड़ आ रहे हैं। बीते रोज सुबह मंडी संसदीय हलके से भाजपा प्रत्याशी कंगणा रणौत ने मंत्री विक्रमादित्य सिंह को छोटा पप्पू कह डाला तो शाम को विक्रमादित्य ने कंगणा को बड़ी बहन बोल दिया। लगा था कि ये राजनीतिक फिल्म यही रुक जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ । आज फिल्म में एक और नया मोड़ आ गया हैं।आज कंगणा ने एक जनसभा में विक्रमादित्य सिंह को छोटा भाई विक्रम बोल दिया।
लगा था कि दोनों के बीच अब सुलह हो गई है और चुनाव जैसी उम्मीद थी कि मिल मिलाकर ही लड़ा जाएगा।
लेकिन यहां पर कहानी अब एक नए मोड़ पर आ गई हैं। आज एनएसयूआई ने मैदान में एंट्री कर डाली और कंगना को चेतावनी दी है कि वह राजा वीरभद्र सिंह के परिवार से माफ़ी मांगे अन्यथा हिमाचल एनएसयूआइ कंगना के प्रदेश भर में पुतले जलायेगी और जहां- जहां कंगना का चुनावी कार्यक्रम होगा वहां एनएसयूआइ काले झंडे दिखा कर विरोध प्रदर्शन करेगी।
एनएसयूआइ के प्रदेश महासचिव रजत सिंह राणा ने कहा कि कंगना हिमाचल की बेटी है हम उनका आदर सम्मान करते हैं । मगर हिमाचल के युवाओं के आदर्श हिमाचल सरकार के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह पर उनकी टिप्पणी पर विरोध दर्ज करते है । राणा ने कहा कंगना के अनुसार भारत को आज़ादी 2014 में मिली । कांग्रेस को गाली तो वह दे रही है मगर वह शायद भूल गई जिस समय हिमाचल में पहली बार विधानसभा के मत डाले गए उस समय कांग्रेस पार्टी ही थी जिस पार्टी ने स्वर्गीय सरजू सिंह को टिकट दी और वह विधायक बने और आज उसी व्यक्ति के कारण उनका घर चल रहा है।
अब एनएसयूआइ ने सवाल कर डाला है कि क्या कंगना हिमाचल की जानता को बताएगी कि सरजू राम कौन थे। जिस तरह से मंडी संसदीय हलके में पटकथा चल रही है उससे लगता है कि ये तमाम किरदार जनता को बिना रुलाएं नहीं छोड़ेंगे। सरजू राम को तो लोग जानते ही होंगे। कंगणा के दादा थे।
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