शिमला।मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर संसद में वर्ष 2021-22 के लिए पेश किए गए बजट को सदी की सबसे बड़ी महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों में एक समावेशी, समग्र एवं महत्वाकांक्षी बजट करार दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय बजट विकास के छह स्तंभों पर टिका है जिसमें पहला स्तंभ स्वास्थ्य एवं कल्याण, दूसरा भौतिक और वित्त पूंजी और अवसंरचना, तीसरा आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, चौथा मानव पूंजी में नवजीवन का संचार, पांचवां नवाचार, अनुसंधान और विकास और छठा न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन है। उन्होंने कहा कि आपदा में अवसर ही बजट का थीम है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि केन्द्रीय बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 2.32 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जो पिछले साल के 92 हजार करोड़ के मुकाबले 137 फीसद है। प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वास्थ्य योजना के तहत आगामी छह सालों में 64180 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इससे देश व प्रदेश में स्वास्थ्य अधोसंरचना का सुदृढ़ीकरण होगा। बजट में पोषण पर विशेष बल देते हुए देश के 112 एस्पायरेशनल जिलों पर विशेष बल दिया गया हैए जिसमें प्रदेश का चम्बा जिला भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय वित्त मंत्री की ओर से पूंजीगत व्यय के लिए पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक का व्यय करने की घोषणा स्वागत योग्य है। इससे देश में बेहतर अधोसंरचना का निर्माण हो पायेगा। देश में लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए जल जीवन मिशन के तहत 2.87 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। अब इस मिशन को ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी शुरू किया जाएगा जो एक स्वागत योग्य पहल है।
जय राम ठाकुर ने रक्षा बजट में 19 फीसद की बढोतरी का स्वागत करते हुए कहा कि इससे भारत एक विश्व शक्ति बनकर उभरेगा। उन्होंने कहा कि कोविड के बावजूद भी यह बजट एक बेहतरीन प्रयास है इसका पता इस बात से चलता है कि बजट पेश होने के तुरन्त बाद ही सेंसेक्स में 2000 अंकों का उछाल आया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट आधुनिक एवं आत्मनिर्भर भारत को दर्शाता है जिसमें सभी को विकास एवं वृद्धि के समुचित अवसर उपलब्ध होंगे तथा युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार आसानी से उपलब्ध होगा। बजट में व्यापार में सुगमता पर भी विशेष बल दिया गया है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि बजट में किसानों व बागवानों के आर्थिक उत्थान के लिए उठाए गए कदम भी सराहनीय हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भी केन्द्र सरकार ने समय-समय पर किसानों के हित में निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि गेहूं के समर्थन मूल्य के तहत 2013-14 में33874 करोड़ रुपए व 2020-21 में 75060 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं।इससे 43.36 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने बजट में ग्रामीण अधोसंरचना विकास निधि को 30 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 40 हजार करोड़ रुपये करने के निर्णय का भी स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर अधोसंरचना का निर्माण हो पायेगा जिससे ग्रामीण आर्थिकी सुदृढ़
उधर, कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने केंद्रीय बजट में हिमाचल प्रदेश की उपेक्षा का इल्जाम लगाते हुए कहा है कि केंद्र सरकार प्रदेश के साथ बड़ा अन्याय कर रही है। यह बजट उन राज्यों को देख कर बनाया गया है जहां इस साल चुनाव होने वाले है जिससे उन्हें चुनावों में इसका कोई राजनैतिक लाभ मिल सकें।
राठौर ने केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदेश से है और केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री भी प्रदेश से संबद्ध रखते है ऐसे में प्रदेश के लिए किसी भी नई योजना का आवंटन न देना दुर्भाग्यपूर्ण है।उन्होंने कहा कि पिछले बजट में प्रदेश में रेल व राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार की जो बात कही गई थी इसबार उनका इस बजट में लेशमात्र भी उल्लेख नही है।
राठौर ने कहा है कि प्रदेश दिनों- दिन कर्जो के बोझ से दबता जा रहा है।कोरोना की बजह से प्रदेश में पर्यटन के साथ-साथ सूक्ष्म लघु उद्योग पर व्यापक विपरीत असर पड़ा है।सरकार ने इनके विकास के लिए भी कोई प्रोत्साहन नहीं दिया है।प्रदेश सरकार केंद्र से कोई भी आर्थिक मदद नहीं ले पाई है।उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि इस बार केंद्र प्रदेश को कोई बड़ी राहत देते हुए प्रदेश के किसानों, बागवानों को प्रोत्साहित करेगी पर ऐसा कुछ नही हुआ।रेल बजट ने भी प्रदेश को भारी निराश किया है।
राठौर ने बजट को निराशा व्यक्त करते हुए कहा है कि यह महज आंकड़ों का मायाजाल बुनकर अपनी नाकामियां छुपाने का असफल प्रयास किया गया है।उन्होंने कहा है कि इस बजट से देश में महंगाई व बेरोजगारी बढ़ेगी।बजट में आम लोगों को भी कोई राहत नहीं है।बजट पूरी तरह दिशाहीन है व नकारा है।
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने केंद्रीय बजट में प्रदेश की घोर उपेक्षा पर दुख जताते हुए कहा है भाजपा का डबल इंजन का दावा पूरी तरह झूठा है। उन्होंने कहा है कि केंद्र की भाजपा सरकार हिमाचल के साथ भेदभाव कर रही है।प्रदेश के विकास की किसी भी योजना का कोई भी प्रारूप हिमाचल के लिये नहीं रखा गया है जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।उन्होंने रेल बजट पर भी प्रदेश की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा है कि इसके विस्तारीकरण की भी कोई योजना इसमें नहीं है।
वीरभद्र सिंह ने केंद्रीय बजट को पूरी तरह दिशाहीन करार दिया और कहा कि इसकी न कोई दिशा है न दशा। बजट में ऐसी कोई योजना नहीं है जिससे देश मे बढ़ती बेरोजगारी पर कोई अंकुश लग सके और देश की विकास दर बढ़ सकें।
वीरभद्र सिंह ने कहा है कि इस बजट में उन राज्यों को विशेष महत्व दिया गया है जहां इस वर्ष चुनाव होने है।उन्होंने कहा है बजट में किसानों, बागवानों व छोटे उद्योगों के विकास को कोई भी योजना नहीं है।
वीरभद्र सिंह ने कहा है कि बजट में लोगों को लुभाने की कोशिश की गई है पर देश को इससे बहुत निराशा ही हाथ लगी है।
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