शिमला। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन को जमीन आवंटनमामले में विजीलेंस की ओर से 1 अगस्त 2013 को दर्ज एफआईआर में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के प्रधान निजी सचिव सुभाष आहलुवालिया, मुख्यमंत्री के ओएसडी टी सी जनार्था और मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रोजेक्ट्स टी जी नेगी को भी शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह निजी स्टाफ में तैनात इन तीनों पूर्व आईएएस अफसरों के नाम एफआईआर के खाना नंबर 12 में शामिल किए गए है। मजे की बात है कि इस खाने में मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव व प्रधान सचिव खेल व युवा सेवाएं वी सी का फारका का नाम विजीलेंस ने शामिल नहीं किया है। पूर्व धूमल सरकार के कार्याकाल के दौरान फारका प्रधान सचिव खेल रहे थे। व कई फाइले उनसे होकर गुजरी है। सूत्रों के मुताबिक विजीलेंस जांच के दौरान ये तथ्य सामने आए है।
ये पहली बार है कि एचपीसीए मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय में जिम्मेदार ओहदों पर तैनात किए पूर्व आईएएस अफसरों के नाम सामने आए हो। एफआईआर के खाना नंबर 12 में उन लोगों के नाम शामिल किए जाते है जिनकी जांच के समय मामले में भूमिका रही हो। ट्रायल के दौरान ये अदालत पर निर्भर करता है कि वो इन लोगों की कोई बड़ी भूमिका न होने से इनको मुलजिम बनाए या छोड़ दे। अगा ट्रायल के समय ये सामने आता है कि इन लोगों की कोई बड़ी भूमिका है तो उन्हें मुलजिम बनाया जा सकता है।
अब ये हाई प्रोफाइल मामला दिलचस्प हो गया है। इसमें धूमल अनुराग के अलावा वीरभद्र सिंह के लाडले अफसरों की भूमिका भी कहीं न कहीं नजर आ रही है। अब तक इन अफसरों की भूमिका को विजीलेंस और सरकार ने छिपाने में कोई कोर कसर नहीं रखी थी।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के प्रधान निजी सचिव सुभाष आहलुवालिया ने एचपीसीए के साथ लीज डीड पर दस्तख्त किए हुए है।वह धूमल सरकार में तब निदेशक खेल युवा सेवाएं रहे थे।
इसी तरह की भूमिकाएं टी सी जनार्था व टीजी नेगी की भी अलग अलग समय में रही है। टी जी नेगी व टी सी जनार्था पूर्व सरकार में थोड़े – थोड़े समय के लिए डिविजनल कमिशनर कांगड़ा व प्रधान सचिव खेल व युवा सेवाएं रहे थे व एचपीसीए को जमीन आवंटन की फाइलें इनसे होकर गुजरी है।
सूत्रों के मुताबिक इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय में बैठे इन्हीं आला अफसरों की वजह से विजीलेंस पूर्व मुख्यमंत्री प्रेमकुमार धूमल और अनुराग ठाकुर के खिलाफ हाथ नहीं डाल पा रही थी।
विजीलेंस ने इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और उनके सांसद बेटे अनुराग ठाकुर के अलावा अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक सानन व बाकी अफसरों के खिलाफ अभियोजन चलाने की मंजूरी सरकार से मांगी है।
सरकार ने वापस भेजी फाइल
एचपीसीए मामले में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ,भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर,अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक सानन समेत कई अफसरों के खिलाफ विजीलेंस की ओर से अभियोजन चलाने मंजूरी मांगने के लिए सरकार को भेजी फाइल सरकार ने वापस विजीलेंस को भेज दी है। सरकार ने फाइल में विजीलेंस को कानून का पाठ पढ़ा दिया है व कहा कि भ्रष्टाचार के ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट भी साफ कर चुका है कि अभियोजन के लिए मंजूरी की जरूरत नहीं है। सरकार ने आज फाइल वापस विजीलेंस को भेज दी। अब गेंद दोबारा विजीलेंस के पाले में आ गई है।
इस मामले में विजीलेंस अनुराग के अलावा धूमल से भी प्रश्नावली भेज कर पूछताछ कर चुकी है। जबकि अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक सानन व पूर्व डीसी कांगड़ा आर एस गुप्ता को इस मामले में चार्जशीट किया जा चुका है।
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