शिमला। न्यायिक अधिकारी बेटे की महिला मित्र की आत्महत्या के मामले में पूर्व आईपीएस अफसर व रिटायर आईजी प्रदीप कुमार सरपाल के खिलाफ सरकार ने जांच बैठाने का फैसला किया है। गृह विभाग ने सरपाल को एक चार्जशीट थमा कर दस दिन के भीतर अपना पक्ष रखने की मोहल्लत दी है और कहा कि अगर उन्होंने अपना पक्षनहीं रखा तो उनके रिटायरमेंट के बाद के सभी लाभ रोक दिए जाएंगे। राज्यपाल की ओर से अतिरिक्त गृह सचिव ने सरपाल को भेजी चार्जशीट में कहा कि वो मृत रितु कलमोटिया के घर में गैर कानूनी तौर पर गए और अपने साथ सब इंस्पेक्टर को सादे कपड़ों में आने के कहा। मथुरा दास ने अपने सुपरवाइजर अफसर एसएचओ बालूगंज, एएसपी और एसपी को जानकारी नहीं दी।
इसके अलावा सरपाल ने रितु का कमरा जबरन खोला और ये भरोसा करने के बाद कि रितु मर चुकी है,अपने गनमैन और अतिरिक्त एसएचओ को सुसाइड नोट हासिल करने के लिए घर की तलाशी लेने के आदेश दिए। इस तरह सरपाल ने सबूत को नष्ट करने की कोशिश की।
सरकार की ओर से थमाई चार्जशीट में ये भी कहा गया है कि सरपाल ने सब इंस्पेक्टर मथुरा दास को पुलिस स्टेशन की डेली डायरी में झूठी एंट्री डालने के निर्देश दिए। जिसमें कहा गया कि रितु के कमरे का दरवाजा दो पड़ोसियों देवी राम और उमा दत के मौजूदगी में खोला गया। लेकिन इन दोनों ने ये गवाहियां देने से इंकार कर दिया और कहा जब दरवाजा खोला गया तब वो वहां मौजूद नहीं थे।
सरकार ने सरपाल को दस दिन के भीतर अपना पक्ष लिखित में देने ये व्यक्ति सुनवाई के रूप में रखने की मोहल्ल्त दी है।साथ ही कहा गया है कि या तो वो आरोपों को नकार दे या उन्हें मान ले। सरकार ने कहा कि है के अगर उन्होंने अपना पक्ष नहीं रखा तो उनके खिलाफ एक तर फा कार्रवाई अमल में ला दी जाएगी।
सरपाल के बेटे व रितु दोनों शादी करना चाहते थे। रितु के परिजनों के मुताबिक सरपाल शादी के लिए राजी नहीं हुए और रितु ने आत्महत्या कर ली।
इस मामले की बाद में सीबीआई ने जांच की और चालान अदालत में पेश किया हुआ है। सरपाल का बेटा प्रदेश की लोअर ज्यूडिशियरी में न्यायिक अधिकारी व उसके खिलाफ अदालत में मामला चल रहा है।
कब का है मामला
रितु कलमोटिया ने 29 मार्च 2010 को टुटू के नजदीक ढांडा में दोपहर के वक्त अपने घर में आत्महत्या कर ली थी। आई जी सरपाल के बेटे सिद्ार्थ सरपाल पर रितु को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा था। बाद में रितु के पीरजनों ने प्रदेश हाईकोर्ट में इा मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की। परिजनों ने कहा कि प्रदीप सरपाल प्रदेश सरकार में आईजी है व उनका बेटा सब जज है। 15 मई 2010 को हाईकोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस कुरियन जोजेफ व जस्टिस दीपक गुप्ता ने इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दे दिए। सीबीआई ने पिछले साल ही इस मामले में अदालत में चालान पेश कर दिया है।
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