शिमला। मनाली में के दुर्गम इलाके सिद्धपीक चोटी को फतह करने के बाद लौट रही पर्वतारोहियों की टीम के तीन सदस्यों की ल्हासे के नीचे दबने से मौत हो गई है। मरने वालों में एक ब्रिटिश नागरिक भी है। कुल्लू के एसपी विनोद धवन ने बताया कि दो लाशों को निकाला जा चुका है । एक लाश मलवे के नीचे अभी भी दबी हुई। लाशों को निकालने के लिए पुलिस और प्रशासन ने तीन टीमें मौके पर भेजी है। इनमें मनाली पर्वतारोही संस्थान से भी बचाव टीम भेजी गई है।
एसएचओ मनाली नील चंद शर्मा ने कहा कि मरने वाले ब्रिटिश नागरिक का नाम 67 वर्षीय मैक्सवेल स्टेटर है जो इस अभियान पर टीम को ले जाने वाली दिल्ली की कंपनी विल्डरनेस एक्सपियरिंस का कर्मचारी है। दूसरा व्यक्ति लद्धाख का 51 वर्षीय लोटस है। इन दोनों की लाशों को निकाला जा चुका है। तीसरा व्यक्ति पालमपुर का संजय है। इसकी लाश को निकाला नहीं जा सका है।
कंवर के मुताबिक अभियान टीम के बाकी नौ सदस्य सुरक्षित है और वो मनाली के लिए आ रहे है। हादसा बीती रात को हुआ है।ब्रिटेन के पर्वतारोहियों की दस सदस्यीय एक टीम सिद्ध पीठ चोटी को फतह करने के लिए गई थी।इनके साथ भारत के सदस्य भी थे।
एसएचओ मनाली ने कहा कि हादसा ढ़ूंढी की पहाडि़यों के पीछे शीतली धार के के आसपास बीती रात को हुआ। जानकारी मिलने पर यहां पर मनाली पर्वतारोही संस्थान में प्रशिक्षण लेने आए प्ररिक्षणार्थियों की 20 -25 लोगों की टीम बचाव कार्य के लिए रात को ही निकल गई। लेकिन रात को अंधेरे व जाडे की वजह से कुछ पता नहीं चला । सुबह दो और टीमें मौके के लिए रवाना हुई।।सुबह छह बजे के करीब थाना मनाली से वो खुद हादसा स्थल की ओर टीम के साथ गए। उन्हें रास्ते में ही पता चल गया कि दो लोगों की लाशें निकाल ली गई है। हादसा स्थल तक पहुंचने के लिए छह किलोमीटर का पैदल रास्ता तय करना पड़ रहा है।।
उधर, डीसी ने कहा जहां ये हादसा हुआ है वहां न तो सड़क से संपर्क हो सकता है और न ही मोबाइल चल रहे है। पूरा ब्योरा अभियान पर गई टीम के लौटने और बचाव टीम के वापस आने पर मिल सकेगा।
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