शिमला।विजीलेंस ब्यूरो की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के दोनों बेटों भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर और अरुण ठाकुर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर देने के बाद धूमल परिवार और भाजपा ने पूरी रणनीति के साथ मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को सता से बेदखल करने का अभियान छेड़ दिया है। राजधानी में धूमल के छोटे बेटे अरुण धूमल ने तीन दिन तक लगातार मीडिया में वीरभद्र सिंह के खिलाफ धावा बोल कर इस रणनीति को अमली जामा पहनाने का पहला पड़ाव पूरा कर लिया है।
भाजपा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक वीरभद्र व प्रतिभा सिंह की ओर से वका मूला चंद्र शेखर से 3 करोड़ 90 लाख रुपए के लिए कर्ज का मामला इसी रणनीति के तहत उठाया गया। रणनीति ये थी कि इस मसले को भाजपा राष्ट्रीय स्तर पर उठाएगी । इसके लिए हाईकमान से दिल्ली में भाजपा की रोजाना होने वाली रूटीन प्रेस कांफ्रेंस में उठाने को लेकर बात भी की गई । भाजपा ने उम्मीद लगा रखी है कि वीरभद्र सिंह को अगर व्यक्तिगत मामलों पर लगातार टारगेट किया जाएगा तो हाईकमान उन्हें उनके पद से हटा सकता है।इसके अलावा भाजपा कर्ज मामले को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाने की योजना बनाए हुए है।
आयकर विभाग ने वीरभद्र सिंह की रिटर्न को दोबारा खंगालने का काम शुरू कर दिया है। इस बावत चंडीगढ़ से आयकर विभाग की टीम ने शनिवार और रविवार कोशिमला कार्यालय में कोर्ट लगाया। समझा जा रहा है कि विभाग ने वीरभद्र सिंह से जुड़े मामले की रिपोर्ट हासिल की। इस अनाधिकारिक तौर पर हाईकमान कोभेजा जाएगा।
अरुण ठाकुर व उनके साथ लगातार जमे रहे भाजपा विधायक सुरेश भारद्वाज को अच्छी तरह मालूम था प्रेमु से जो जमीन खरीदी गई है वो बीस सालों तक नहीं बेची जा सकती थी। पर्चा जमाबंदी में 15 साल तक इस जमीन न बेचे जाने बारे लिखे नोट का कानूनी तौर पर कोई मायने नहीं है। अरुण ठाकुर ने न तो ये एक्ट और न ही स्कीम मीडिया को जारी की।
साफ है कि वो जनता में ये संदेश देना चाहते थे कि धूमल परिवार के साथ बदले की भावना से काम हो रहा है। जब अरुण ठाकुर मीडिया में ये दस्तावेज जारी कर रहे थे उन्हीं दिनों विजीलेंस प्रेमु की पत्नी सर्गी देवी के ब्यानों की वीडियोग्राफी कर रही थी।
उधर, परिवहन मंत्री जी एस बाली और सीपीएस राजेश धर्माणी अपने –अपने इस्तीफे देकर मुख्यमंत्री के खिलाफ अपना असंतोष पहले ही जाहिर कर चुके है।
अब दो दिन पहले शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा ने परिवहन विभाग के लिए मंजूर हुई एक हजार बसों को ये कह कर कि ये उनके विभाग की ओर से की गई कोशिशों का नतीजा है, बाली को छेड़ने वाला कदम उठा दिया है। जाहिर से ये कदम वीरभद्र के इशारे पर ही उठाया गया है।बाली ने इस पर वाकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर बसें कैसे मिली इसका पूरा ब्योरा बताया। उन्होंने कहा कि क्रेडिट लेने के पीछे सुधीर शर्मा की क्या सोच है ये वो ही जाने ।साफ है मंत्रियों के बीच चल रही इस तरह की जंग का भाजपा पूरा-पूरा फायदा उठाना चाहती है। सुधीर शर्मा मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के लाडले मंत्री है।उधर, धूमल के बाली समेत कांग्रेस नेताओं के साथ दोस्ताना रिश्ते है।
ऐसे में भाजपा सपना पाले है कि वो वीरभद्र सिंह पर बाहर व भीतर से दबाव बनाकर मुश्किल में रखेगी और इसी तरह बाकी बचे चार साल निपट जाएंगे। आगामी दिनों में धूमल परिवार और भाजपा की ओर से वीरभद्र सिंह व उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह पर और हमले होने है। लेकिन जिस तरह के तथ्य सामने आ गए है उससे धूमल परिवार का बाहर निकलना इतना आसान नहीं है।विजीलेंस विभाग के अफसर तो कम से कम यही दावा कर रहे है।
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