शिमला। हिमाचल टूरिज्म कारपोरेशन में हुए घोटालों की जांच के लिए प्रदेश सरकार ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित करने का फैसला किया है।
ये कमेटी कारपोरेशन की कर्मचारी यूनियन के पूर्व महासचिव ओम प्रकाश गोयल की ओर से पूर्व में दी गई शिकायतों व टूरिज्म कारपोरेशन के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मीटिंग में उठे मसलो की जांच करेगी।चीफ सेक्रेटरी सुब्रतो राय ने कहा कि मामलों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की जा रही है। कमेटी में एक अफसर सचिवालय से होगा।
24 तारीख को टूरिज्म कारपोरेशन की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की हुई बैठक में ओमप्रकाश गोयल को बुलाया गया था। सूत्रों के मुताबिक गोयल की ओर से लगाए आरोपों को सुनकर सीएम वीरभद्र सिंह हैरान हो गए थे। उन्होंने चीफ सेक्रेटरी एस राय और प्रधान सचिव टूरिज्म वीसी फारका को मौके पर सभी मामलों की जांच कराने के आदेश दिए थे। इसके अलावा गोयल को बहाल करने और सारे डयूज अदा करने के आदेश दिए थे।
सचिवालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मीटिंग में गोयल ने अपा पक्ष रखते हुए आईएएस अधिकारियों और नेताओं की कारगुजारियों के काले चिटइे एकएक करके सामने रखे थे। जिसमें कारपोरेशन के अधिकारी बलदेव कंवर से लेकर तत्कालीन एमडी तरुण श्रीधर,तत्कालीन प्रधान सचिव अशोक ठाकुर की कारगुजारियों व अदालत में गलज जानकारी देने जैसे कच्चे चिटठे खोले थे।
गोयल ने कहा था कि अगर उनकी20 मई 2005 को दी गई शिकायत पर कारवाई होती तो प्रदेश में फोन टेपिंग कांड नहीं होता। वीरभद्र सिंह ने पहले आरोप लगाया था कि चंडीगढ़ में उनकी जासूसी हुई थी। गोयल ने इस बैठक में कहा कि चंडीगढ़ में सेक्स स्कैंडल हुए और अफसर ने माफी मांगी। बावजूद इसके उसे प्रमोशन दी गई। आईएएस अफसरों ने दबंगता दिखाते हुए हाईकोर्ट में गलत जानकारी दी।बाद जब कंटेंप्ट हुआ तो प्रमोशन को खत्म किया गया। अब रिकवरियां हो रही है।लेकिन ये सब आधी अधूरी है।इस बैठक में टीए बिल का मामला गूंजा तो गैर कानूनी तरीके से कर दी गई प्रमोशंस का मामला भी उठा।
वीरभद्र ने मौके पर ही सभी मामलों की जांच करने और गोयल के मामले को सुलटाने के आदेश दिए थे। इसी कड़ी में चीफ सेक्रेटरी ने मामलों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन करने का फैसला लिया है।गौरतलब हो कि कारपोरेशन में हुए घपलों,सेक्स सकैंडल्ज और गैरकानूनी पदोन्नतियों के अलावा वितीय अनियमितताओं का भंडा फोड़ा था।
इन आरोपों की जांच न कर तत्कालीन एमडी तरूण श्रीधर ने गोयल को सस्पेंड कर दिया था और बाद डिसमिस भी कर दिया था।गोयल पर मिसकंडक्ट और अधिकारियों नेताओं पर स्कैंडलअस आरोप लगाने का चार्ज लगाया था।बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग में गोयल ने सीएम से कहा कि क्या स्कैंडलअस चार्जिज थे। उन्होंने हमेशा कारपोरेशन के भले के लिए आवाज उठाई,उन्हें डिसमिस कर दिया जिन्होंने घपले व लड़कियां छेड़ी उन्हें प्रमोट कर दिया।मीटिंग में गोयल ने अपने लिए इंसाफ मांगा ।
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