शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के लोक निर्माण विभाग की करगुजारियां किस तरह से चल रही है इसका भंडा प्रदेश हाईकोर्ट में फूट पड़ा हैं और अदालत ने लोक निर्माण विभाग मंडी के धर्मपुर के एक्सीन को कोताही बरतने के मामले में निलंबित करने का फरमान जारी कर दिया हैं।
मामला मंडी के धर्मपुर का है जहां पर याचिकाकर्ता शशिकांत ने अदालत को अवगत कराया था कि लोक निर्माण विभाग की ओर से धर्मपुर के गांव सरकान में आइटीआइ का निर्माण किया जा रहा है और एक रिटेनिंग दीवार भी लगाई जा रही हैं। यह निर्माण यूनिप्रो टैक्नो इंफ्रास्ट्रक्चर की ओर से किया जा रहा हैं।
शशिकांत ने अपनी याचिका में इल्जाम लगाया था कि कंपनी की ओर से खुदाई से निकलने वाले मलवे को उसके घर के साथ फेंका जा रहा हैं जिससे घर को खतरा हो गया हैं। इस मामले को विभाग के अधिकारियों के नोटिस में बार –बार लाया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। 24 जून को हुई भारी बारिश की वजह से यहां लगाई जा रही रिटेंनिंग दीवार ढह गई और इसके पत्थ्र व मलबा इसके घर के कुछ ऊपर रुक गया है जो कभी उसके घर पर आ सकता हैं। याचिका कर्ता ने दावा किया कि वह इस मसले को हर अधिकारी के दर पर गया लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंदर राव और न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की खंडपीठ 18 जुलाई को इस मसले पर हुई सुनवाई के दौर एक्सीन जो उस दिन अदालत में हाजिर था को आदेश दिए थे कि वह शशिकांत के मकान को होने वाले किसी भी तरह के नुकसान को रोकने के लिए कदम उठाए ।
लेकिन आज सुनवाई के दौरान पाया गया कि इस दिशा में आज तक कोई भी कदम नहीं उठाया गया। खंडपीठ ने इसे गंभीर मानते हुए इंजीनियर इन चीफ को आदेश दिए कि वह इस एक्सीन को तुंरत निलंबित कर दे और किसी दूसरे अधिकारी को तैनात कर इस मकान का बचाने के लिए जरूरी कदम उठाएं।
(41)




