शिमला। बेशक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज अपने बजट भाषण में SMC शिक्षकों के मानदेय में 1900 सौ रुपए की बढोतरी करने का एलान किया हो लेकिन ये शिक्षक सरकार की ओर से की गई वादा खिलाफी के खिलाफ हो गए हैं।
इन शिक्षकों का कहना है कि सुक्खू सरकार के मंत्रियों ने उन्हें बजट सत्र से पहले भरोसा दिया था कि उनकी मांगों का हल निकाल दिया जाएगा। लेकिन न तो केबिेनेट की बैठकों में कुछ हुआ और न ही आज बजट भाषण में नियमितिकरण को लेकर कोई भरोसा दिया गया ।
इससे नाराज इन शिक्षकों ने अब 19 फरवरी यानी सोमवार को विधानसभा घेरने का एलान कर अपनी आवाज बुलंद करने की घोषणा कर दी है।एसएमसी शिक्षकों का कहना है कि वे नियमितीकरण की मांग को लेकर 27 जनवरी से राजधानी शिमला के सीटीओ के पास क्रमिक अनशन पर बैठे हैं और 8 फरवरी से पेन डाउन स्ट्राइक पर है।
एसएमसी अध्यापक संघ के प्रवक्ता निर्मल ठाकुर ने कहा कि सुक्ख्खू सरकार के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने उन्हें 12 फरवरी को वार्ता के लिए बुलाया था व ये आश्वासन दिया था कि केबिनेट सब कमेटी की ओर से फाइनल रिपोर्ट तैयार कर दी गई है जिस पर 14 फरवरी को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि 14 फरवरी को हुई केबिनेट की बैठक में इस बावत कुछ हुआ इसे सार्वजनिक नहीं किया गया । इसके बाद 17 फरवरी यानी आज बजट भाषण से उन्हें उम्मीद थी एसएमसी शिक्षकों को लेकर जरूर किसी फैसले की घोषणा होगी लेकिन कहीं कुछ नहीं । इससे एसएमसी अध्यपकों में बहुत अधिक आक्रोश है।
उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों की परीक्षा अगले सप्ताह से शुरू हो रही हैं व बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो गई है और हजारों स्कूलों में परीक्षा करवाने के लिए अध्यापक नहीं है परंतु सरकार गंभीर नहीं है,
इन शिक्षकों ने अब 19 फरवरी से पूर्ण तौर पर कक्षाओं का बहिष्कार करने का एलान किया है व कहा कि अब ये शिक्षक स्कूल नहीं जायेंगे और 19 फरवरी को सभी अध्यापक अपने परिवार सहित विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करेंगे ।
इन शिक्षकों का कहना है कि उन्हें स्कूलों में पढ़ाते हुए 12-12 साल हो गए हैं। लेकिन उन्हें नियमित करने को लेकर कुछ नहीं किया जा रहा हैं। जबकि चुनावों से पहले कांग्रेस नेताओं की ओरद से उन्हें नियमित करने का भरोसा लगातार दिया जाता रहा।
याद रहे सुक्खू सरकार ने जून –जुलाई में इन शिक्षकों के मसले को लेकर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर,लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह को लेकर एक मंत्रिमंडलीय उप समिति का गठन किया था। इस समिति को 31 दिसंबर से पहले अपनी रपट मुख्यमंत्री को देनी थी। लेकिन तीनों जवां मंत्री छह महीने तक ये बैठक ही नहीं कर पाए व कोई रपट तैयार नहीं हुई। जब एसएमसी शिक्षकों से आंदोलन का बिगूल छेड़ा तो तब जाकर इस समिति की बैठक हुई । लेकिन इस समिति ने रपट में क्या कहा है ये किसी को पता नहीं हैं।
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