शिमला। भाजपा ने हिमाचल से राज्यसभा की सीट के लिए होने चुनाव में बेशक ‘खेला’ करने का मंसूबा बांध लिया हैं लेकिन इन चुनावों में पोलिंग एजेंट को लेकर एक नियम उसकी राह में सबसे बड़ा कांटा बन कर उभर रहा हैं। अगर भाजपा खेला करने पर उतारू हो ही जाती है तो विधायकों का तो भंडा फूट ही जाएगा।
राज्य सभा की सीट के लिए 27 फरवरी को मतदान होना हैं और उसी दिन रिजल्ट भी घोषित हो जाना हैं।
कांग्रेस पार्टी ने इस बार बाहरी व्यक्ति को चुनाव मैदान में उतारा हैं। कांग्रेस नेता व वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी को कांग्रेस हिमाचल से राज्यसभा भेजना चाहती हैं।
लेकिन भाजपा ने यहां अलग मंसूबा बांध लिया हैं।
भाजपा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह के कभी बेहद करीबी रहे और विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस से पाला बदल कर बीजेपी में गए हर्ष महाजन को सिंघवी के मुकाबले में खड़ा किया हैं। यहां यह भी गौरतलब है कि महाजन विधानसभा चुनावों से पहले हालीलाज कांग्रेस के आंख के तारे थे लेकिन बाद उनका हालीलाज कांग्रेस से मोहभंग हो गया।
यह मोहभंग रणनीतिक है या राजनीतिक है ये अभी तक खुलकर सामने नहीं आया है।
बहरहाल भाजपा के पास जीत के लिए जरूरी मत नहीं हैं। अगर कोई ‘खेला’ नहीं हुआ तो महाजन का जीत से दूर –दूर तक कोई नाता नजर नहीं आ रहा हैं। लेकिन कहा जा रहा है कि महाजन के पीछे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नडडा तक पूरा जोर लगाए हुए हैं।
शाह के महाजन के पीछे खड़ा होने की वजह से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल समेत अधिकांश भाजपाई भी महाजन के साथ खड़े हो गए हैं।
मतों के हिसाब से महाजन के पक्ष में बहुमत नहीं हैं। प्रदेश में कांग्रेस के 40 विधायक है जो कांग्रेस प्रत्याशी मनु अभिषेक सिंघवी की जीत पक्की करने के लिए बहुत हैं। भाजपा के पास 25 ही विधायक हैं। तीन आजाद विधायक भी है जो अभी फिलहाल कांग्रेस के समर्थक बने हुए हैं। ऐसे में पहली नजर में महाजन की हार पक्की लग रही हैं।
लेकिन अगर शाह और नडडा खेल में कहीं शामिल है तो ‘खेला’होने का अंदेशा जरूर जताया जा रहा हैं। जाहिर है खेला तभी होगा जब कांग्रेस के विधायक पार्टी व्हीप का तोड़ कर भाजपा के पाले में जाएंगे।
यह संभव हो भी जाता अगर पोलिंग एजेंट से जुड़ा एक नियम आड़े नहीं आता। मतदान के दिन भाजपा व कांग्रेस दोनों की ओर से पोलिंग एजेंट मतदान के दौरान हाजिर रहेंगे । मत डालने से पहले हरेक विधायक को अपना मतपत्र पोलिंग एजेंट को दिखाना होगा। ऐसे में पोलिंग एजेंट को पता चल जाएगा कि किस विधायक ने किसे मत डाला हैं। ऐसे में अगर क्रास वोटिंग होती है तो भंडा फूट जाएगा।
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