शिमला। वामपंथी मेयर संजय चौहान व की ओर से शिमला को स्मार्ट सिटी की फेहरिस्त से प्रदेश की वीरभद्र सिंह सरकार और केंद्र की माेदी सरकार की ओर से बेदखल करने पर दायर याचिका पर प्रदेश हाईकोर्ट ने मोदी व वीरभद्र सिंह सरकार से चार सप्ताह में जवाब तलब कर दिया है।
मेयर संजय चौहान टिकेंद्र पंवर ने वीरभद्र सिंह सरकार पर आंकड़ों में हेराफेरी कर धर्मशाला को स्मार्ट सिटी की फेहरिस्त में शामिल कराने का आरोप लागाया था। इस पर कांग्रेस के अलाचा भाजपा विधायक सुरेश भारदवाज भी राजनीति में कूद गए थे और वामपंथी मेयर व डिप्टी मेयर पर जमकर हमा किया था।
दिलचस्प इस मामले में धर्मशाला में भाजपा ने अपनी राजनीति का झंडा बुलंद किया था व भाजपा नेता कृष्ण कपूर ने धर्मशाला में दावा किया था कि इस मामले को पूर्व धूमल सरकार में जो काम हुए उसकी वजह से मोदी सरकार ने धर्मशाला को स्मार्ट सिटी की फेहरिस्त में शामिल किया।
धर्मशाला में इस मसले पर वीरभद्र सिंह के शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा और भाजपा नेता कृष्ण कपूर केबीचराजनीतिक जंग छिड़ी है तो शिमला में भाजपा विधायक सुरेश भारदवाज व कांग्रेसी नेता वामपंथी मेयर व डिप्टी मेयर पर हमला कर राजनीति कर रहे है। उधर,वामपंथी मेयर संजय चौहान ने शिमला के साथ बंइंसाफी का आरोप लगाते हुए मोदी व वीरभद्र सिंह की सरकार व उनके अफसरों पर अंगुली उठाते हुए प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी।
मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मंसूर अहमद मीर और जर्स्टिस धर्म चंद चौधरी की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 8 अक्तूबर को निर्धारित की है।
मेयर संजय चौहान ने धर्मशाला को स्मार्ट सिटी की सूची से बाहर करशिमला को इसमें शामिल करने का आग्रह किया है। मेयर ने कहा कि इस मामले में गैर कानूनी प्रक्रिया अपनाई गई।
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