शिमला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह सरकार की केबिनेट की ओर से 5 सितंबर को जंगी थोपन के 480 व थोपन पोवारी के 480 मेगावाट के पावर प्रोजेक्ट के ब्रेकल कंपनी से 2008 में लिए अप फ्रंट मनी के लिए 280 करोड़ रुपयों को अदाणी ग्रुप की कंपनी को वापस करने के फैसले पर आज 11 दिन बाद आखिर प्रदेश भाजपा ने जुबान खोल ही दी।
प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सतपाल सती ने आज बुधवार को जारी ब्यान में प्रधानमंत्री मोदी के लाडले उद्योगपति अदाणी ग्रुुप की कंपनी का नाम लिए बगैर कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा नियमों को ताक में रखकर ब्रेकल कम्पनी के 280 करोड़ रुपए की अपफ्रंट मनी को वापिस किए जाने के निर्णय की कड़ी आलोचना करते हुए कहा किप्रदेश सरकार के इस निर्णय में किसी डील के होने का संदेह हुआ जा रहा है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि अपफ्रंट मनी 2008 में तत्कालीन धूमल सरकार के कार्याकाल मेंजमा कराया गया था। प्रदेश हाईकोर्ट ने 7 अक्तूबर 2009 को ब्रेकल को धूमल सरकार की ओर से पिछली वीरभद्र सिंह सरकार की ओर से आवंटित इस प्रोजेक्ट को कई कुछ सामने आने के बाद दोबारा आवंटित किया था। लेकिन अक्तूबर 2009 से लेकर दिसंबर 2012 तक धूमल सरकार सता में रही थी लेकिन उसने ब्रेकल से इस अपफ्रंट मनी को जब्त नहीं किया था और न ही ब्रेेकल के कर्ताधर्ताओं के खिलाफ आपराधिक कार्रवाइयों को कहीं आखिरी सिरे पर पहुंचाया था।
रिर्पोटर्ज आई डॉट काॅम ने इस मसले को पूरी शिद्त के साथ उठाया था। उसके बाद भाजपा ने इस पर पूरी सतर्कता के साथ जुबान खोली है।
बेहद सजग व नपे तुले शब्दों का इस्तेमाल करते हुए सती ने कहा कि भाजपा सरकार के इस निर्णय का कड़ा विरोध करेगी और प्रदेश के पैसे को इस तरह से लूटने नहीं दिया जाएगा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के वितीय हालात पहले ही खराब दौर से गुजर रहे है, ऐसे में 280 करोड़ रु को वापिस किए जाने से और बोझ पड़ेगा। उन्होनें कहा ब्रेकल कम्पनी इस प्रोजेक्ट को अगर शुरू नहीं कर पाई है तो यह उसकी कमी है और उसका खामियाजा प्रदेश की जनता नहीं भुगत सकती है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश सरकार के आला अधिकारी पहले ही कह चुके हैं कि कम्पनी के काम न करने से प्रदेश को 1200 करोड़ रुपए से अधिक का घाटा उठाना पड़ा है। अगर हर्जाना भरना ही है तो कम्पनी को भरना चाहिए, परन्तु यह समझ से बाहर है कि जो पैसा जब्त होना चाहिए वह वापिस किया जा रहा है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि इस सारे मामले में भाजपा प्रदेश सरकार से मांग करती है कि वह श्वेत पत्र जारी करें और इस बात का खुलास करें कि किन परिस्थितियों में और किन नियमों के तहत यह पैसा ब्रेकल कम्पनी को वापिस किया जा रहा है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार से यह मांग की है कि सरकार यह भी स्पष्ट करें कि क्या प्रभावशाली व्यक्तियों के दबाव में प्रदेश सरकार ने यह निर्णय लिया है ? या अंदर खाते एक डील के तहत यह निर्णय लिया गया है क्योंकि एकदम से इतनी बड़ी रकम को वापिस करना अपने आप में ही संदेहास्पद है।
सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि भाजापा किसी भी तरह से इस पैसे को वापिस दिए जाने के खिलाफ हैं और सरकार के इस निर्णय का पूरी तरह से विरोध किया जाएगा।
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