शिमला। पिछली धूमल सरकार ने क्रिकेट के नाम पर अपने बेटे व सांसद अनुराग ठाकुर की हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन को एक रुपए की लीज मनी पर प्रदेश के कई हिस्सों में जमीन जमीन बांटी अब मौजूदा वीरभद्रसिंह सरकार निजी कारोबारियों के लिए ट्राइबल एरिया व पिछड़ी पंचायतों में आईटीआई खोलने के लिए एक रुपए टोकन लीज मनी पर जमीन देने के साथ ही भवन निर्माण के लिए 10 लाख का अनुदान देने का एलान किया है।
प्राइवेट प्लेयर्स के लिए पिछली बार धूमल सरकार ने प्राइवेट विवि के लिए खुल कर अनुमतियां दी थी अबकी सरकार निजी आईटीआई के लिए दरवाजे खोल रही है। तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रवक्ता ने यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि अगर निजी जमीन पर कोई आईटीआई खड़ी करता है तो उससे केवल 50 प्रतिशत स्टैंप डयूटी ही वसूली जाएगी व आईटीआई शुरू होने के बाद भवन अनुदान के रूप में 10 लाख रुपए अनुदान का प्रावधान किया जाएगा। ये दस लाख रुपए संभवत: सरकारी खजाने से दिए जाएंगे और स्टैंप डयूटी जो नहीं ली जाएंगी वो असल में सरकारी खजाने में ही आनी थी।
अब सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर इन क्षेत्रों में सरकारी क्षेत्र में आईटीआई क्यों नहीं खुल सकती और जो मौजूदा समय में निजी आईटीआई चल भी रही है उनकी पढ़ाई का स्तर क्या है।क्या सरकार नेअपनों के लिए जुगाड़ करने का कोई इंतजाम किया है। इससे पहले प्रदेश में टूरिज्म को बढ़ाने के नाम पर होटलों को खोलने के लिए सब्सिडी देने की स्कीमें चली थे ।
आज के दौर में बड़ा सवाल ये हो गया है कि पिछले 25सालों से प्रदेश की कांग्रेस व भाजपा की सरकारें आखिर पब्लिक के संसाधनों के साथ इस तरह की लूटपाट क्यों कर रही है। जाहिर सी बात है आईटीआई जो भी चलाएगा वो सामाजिक सेवा तो करेगा नहीं निश्चित तौर पर ट्राइबल एरिया व पिछड़ी पंचायतों में उसकी नजरें मुनाफे पर होगी। उसकीनजर लोगों की जेबों पर होगी। राजधानी के आसपास ही दर्जानों निजी स्कूल खुल गए है जो पूरी तरह से बिजनेस पर उतर गए है। एक निजी नामी विवि में तो ये खेल चल रहा है कि अगर कोई किसी को इस विवि में एडमिशन दिलाता है तो उस शख्स को पांच हजार रुपए कमिशन दी जाती है। संभवत: इस तरह का खेल और निजी शिक्षण संस्थानों में भी चल रहा होगा।पहले ये सब शहरों में ही था संवभत: अब गांवों व ट्राइबल एरिया में भी ये खेले निजी क्षेत्र खेले ,रास्ता साफ किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के युवाओं को घरद्वार के समीप व्यावसायिक प्रशिक्षण उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि उन्हें रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध हो सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने युवाओं के कौशल विकास के लिए महत्वकांक्षी कौशल विकास योजना आरम्भ की है, जिसके लिए वर्तमान वित्त वर्ष में 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
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