शिमला। जिला कुल्लू में देवी देवताओं के नाम की 84 हजार बीघा जमीन को राजस्व विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों के साथ मिलीभगत से पुजारियों, कारदारों औरमुजारिन के नाम करने पर प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया है।
प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मंसूर अहमद मीर व जस्टिस त्रिलोक चौहान ने इस बावत देव संस्कृति चेरिटेबल ट्रस्ट,कुल्लू की ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए दिए।बहरहाल येआंकड़ा एक ही जिले का है बाकी के जिलों में भी स्थिति में अलग नहीं है।
ट्रस्ट ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि राजस्व विभाग केगैरकानूनी कारनामों की वजह से हजारों बीघा जमीन पुजारियों व कारदारों के नाम कर दी गई है। ये जमीन हिमाचल जोत व भूमि सुधार अधिनियम व बिग लैंडिड इस्टेट एक्ट 1953 की विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन कर इन लोगों के नाम की गई है। असल में 1948 -49 में कुल्लू केदेवी देवताओं के नाम 90 हजार 744 बीघा जमीन थी इसमें से 84हजार बीघा जमीन पुजारियों व कारदारों के नाम कर दी गई है। ये साराखेल राजस्व एजेंसियों की मिलीभगत के साथ मिलकर खेला गया है।
याचिका कर्ता ने इन जमीनों को इन लोगों के नाम करने केआदेशों को रदद कर इसे दोबारा देवी देवताओं के नाम करने की फारियाद लगाई है।याचिका कर्ता ने मामले की जांच कराने के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने का आग्रह किया । मामले की अगलीसुनवाई 3 नवंबर को
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