शिमला।एसजेवीएन द्वारा 6 अन्य राज्य सरकारों पश्चिम बंगालए बिहारए उत्तर प्रदेशए कर्नाटकए पंजाब तथा तमिल नाडू सरकार की बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियों के साथ देवचा पचमी कोल ब्लाक की माइनिंग के लिए संयुक्त उपक्रम बनाने हेतु समझौता किया गया । यह समझौता मुख्यमंत्री पश्चिम बंगाल, ममता बैनर्जी व केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली की उपस्थिति में आज कोलकाता में किया गया।
देवचा पचमी कोयला ब्लाक जिला बीर भूम पश्चिम बंगाल में स्थित है व कोयला मंत्रालय की ओर से एसजेवीएन व 6 अन्य राज्य सरकारों की बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियों को वर्ष 2013 में आवंटित किया गया था । यह कोल ब्लाक 1230 हेक्टेयर क्षेत्र में विस्तृत है तथा अनुमानित है कि इसमें 2102 मिलियन टन कोयले का भंडार है । यह ब्लाक देश में सबसे बडा है ।
आर के अग्रवाल कार्यकारी निदेशक ;बिजनेस डेवेलपमेंटद्ध एसजेवीएन लिमिटेड ने एसजेवीएन की ओर से इस समझौते पर हस्ताक्षर किए । उन्होंने बताया कि माइनिंग संबंधी गतिविधियों के लिए रूपए 12000 करोड की लागत अनुमानित है ।
निदेशक कार्मिक नंद लाल शर्मा ने बताया कि ब्लाक से खनन किया गए कोयले का 1320 मेगावाट के बक्सर थर्मल पावर प्रोजेक्टए बिहार में उपयोग किया जाएगा तथा ब्लाक से निकलने वाला कोयला 11000 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं को 25 वर्ष तक चलाने के लिए पर्याप्त होगा। एसजेवीएन महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में 47.6 मेगावाट खिरवीरे पवन विद्युत परियोजना के निर्माण के साथ पहले ही पवन विद्युत के क्षेत्र में पदार्पण कर चुका है प् यह परियोजना पूर्णतः कमीशन की जा चुकी है व इसकी 850 केडब्ल्यू क्षमता की सभी 56 पवन विद्युत टरबाईनें पवन विद्युत का उत्पादन कर रही हैं ।
एसजेवीएन पहले ही हिमाचल प्रदेश में भारत के सबसे बड़े 1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी जलविद्युत स्टेशन व और एक टेंडम आधारित एनजेएचपीएस के साथ 412 मेगावाट रामपुर जलविद्युत स्टेशन का प्रचालन कर रहा है । वर्तमान में एसजेवीएन के पास सभी तीन प्रचालनाधीन परियोजनाओं से लगभग 2000 मेगावाट की स्थापित क्षमता है ।
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