शिमला। गिरी व गुम्मा नदियों में पानी की कमी के कारण राजधानी शिमला सैलानियों के भारी हजूम के दौर में 2018 की तरह एक बार फिर भयानक जलसंकट की चपेट में आ गई है। राजधानी में इन दिनों 45 से 47 एमएलडी पानी की जरूरत है लेकिन आज राजधानी में कुल 40 एमएलडी पानी की आपूर्ति हुई जबकि पिछले एक सप्ताह में यह 32 एमएलडी तक नीचे चली गई थी। ऐसे में राजधानी में तीन से चार दिन बाद पानी की आपूर्ति होने से शहर में त्राहिमाम मच गया जो अभी भी जारी है।
कई-कई जगहों पर तो पांच से छह दिनों के बाद पानी की आपूर्ति की जा रही है और तब भी पानी पर्याप्त- मात्रा नहीं मिल रहा है। लोगों की कतारें बावडियों पर रात बारह बजे तक कतारें लगी हुई है लेकिन प्यारस तब भी नहीं बुझ रही है। बहरहाल शहर भारी पेयजल संकट से गुजर रहा है।
पानी की आपूर्ति न होने पर बीती रात को पूर्व महापौर संजय चौहान ने मुख्यसचिव राम सुभग सिंह को नींद से जगा दिया व कहा कि उन्हें पानी की आपूर्ति का रात साढे ग्यारह बजे तक आश्वासन दिया जाता रहा लेकिन जब रात बाहर बजे तक भी पानी नहीं आया तो शिमला जल प्रबंधन निगम के कर्मियों ने अपने फोन बंद कर दिए व उनके पास पानी नहीं था।
याद रहे राम सुभग सिंह जल प्रबंधन निगम के अध्यक्ष है। समझा जा सकता है कि राजधानी में पानी की कमी की सिथति क्या है।लोगों ने बिसलरी व अन्य पानी के बोतलों की पेटियां घरो में रखनी शुरू कर दी है ताकि परिवार के सदस्यों को कम से कम पीने का पानी तो मुहैया कराया जा सके।
जयराम सरकार के राज में यह दूसरी बार है जब राजधानी में पेयजल का संकट आ गया हो। इससे पहले 2018 में पेयजल संकट को लेकर राजधानी शिमला पूरी दुनिया में सुर्खियों में आ गई थी।
उधर शिमला जल प्रबंधन निगम के महाप्रबंधक आर के शर्मा ने कहा कि चूंकि बारिश नहीं हुई है इसलिए गुम्मा व गिरी नदियों के स्रोतों में पानी की कमी हो गई । इसलिए शहर में राशनिंग कर दी गई थी। लेकिन चार पांच दिन पहले गुम्माक पपं स्टे शन को जाने वाली बिजली की एचटी लाइन पर पेड गिरने से बिजली की आपूर्ति बाधित हो गई इसलिए पानी उठाना मुश्किल हो गया। आज बिजली बहाल हो गई है। ऐसे में आज 40 एमएलडी पानी उठाया गया है। अब हर तीसरे दिन पानी की आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह पानी की आपूर्ति 32 एमएलडी तक नीचे चल गई थी। लेकिन अब स्थिति में सुधार हो रहा है। अगर स्रोतों में पानी नहीं सूखा तो इस समस्या से पार पा लिया जाएगा।
उधर इस मामले में आज हाईकोर्ट में भी सुनवाई हुई और सरकार ने अपना जवाब दायर करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा है।
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