शिमला। अश्वनी खडड से शहर को सप्लाई होने वाले पानी पर वामपंथी मेयर संजय चौहान व डिप्टी मेयर टिकेंद्र पंवर की कमान वाले नगर निगम ने जहां रोक लगा दी है वहीं प्रदेश हाईकोर्ट ने वीरभद्र सिंह सरकार के टॉप अफसरों को इस मसले पर अदालत में तलब कर दिया है।
। मेयर व डिप्टी मेयर ने आज सोमवार को एलान किया कि जब तक पुणे की वाइरोलॉजी लैब से पानी की जांच की रिपोर्ट नहीं आ जाती तक तक निगम अश्वनी खडड से पानी नहीं लेगा।अगर पुणे की लैब से जांच की रिपोर्ट खिलाफ आई तो इसके लिए जिम्मेदार सरकार के अफसरों व ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने पा गौर किया जाएगा।
मेयर संजय चौहान ने राजधानी में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शहर में पानी की सप्लाई अब आधे शहर में ऑड व आधे में ईवन तारीखों को की जाएगी।उन्होंने शहर की जनता का आहवान किया कि वो ऐसे मौके पर निगम प्रशासन का सहयोग करे।उन्होंने कहा कि अस्पतालों में आए पीलिए के95 मामलों मेंसे अधिकांश कसुम्पटी,पंथाघटी, खलीणी,न्यू शिमला,बेमलोई से लेकर लिफ्ट तक के इलाकों में रहनेवाले वाशिंदों के है। अभ तक जो खून के सैंपल लिए गए उनमें हेपेटाइटिस इ केज्यादा मामले आए है जिसकी वजह सीवरेज का पानी है।लेकिन वाइरोलॉजी लैब पुणे की रिपोर्ट सही पुष्टि करेगी।
उन्होंने कहा कि आईपीएच विभाग के सुपरइंटेनडेंट इंजीनियरिंग समेत स्वास्थ्य विभाग,पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड व निगम के अधिकारियों कीएक कमेटी गठित की गई है जो दस दिन तक पानी की गुणवता को मानिटरिंग करेगी व पानी के सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगम से भी शेयर करेगी।
चौहान ने कहा कि सीवरेज वाले पानी की सप्लाई को वो गंभीरता से लेते है व शहर में पीलिया के मामले बढ़ने से वोचिंतित है इसलिए अश्वनी खडड से पानी की सप्लाई को रुकवा दिया है।
उन्होंने कहा कि अश्वनी खडड में बने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का सीवरेज पानी के बीच मिल रहा है जिसकी वजह से शहर में जलजनित बीमारियां हो रही है।आईपीएच विभाग निगम को32 से 35 एमएलडी पानी रोजाना देने को त्ैयार है। ऐसे में स्थिति नियंत्रण में है।
उन्होंने कहा क अश्वनी खडड के दूसरी ओर दो नाले कोटी व ब्रांडी है, जहां से 5-6 एमएलडी पानी लिफ्ट किया जा सकता है। सरकार कोइस पर काम करना चाहिए। इसके अलावा सतलुज नइी से 623 करोड की निगम की डीपीआर तैयार है। सरकार लोन लेकर इसे प्रोजेक्ट को पूरा करे ताकि शिमला को पानी की कमी से न जूझना पड़े । गिरी परियाेजना के हाल पहले ही खराब है।शहर को रोजाना 32 से38 एफएलडी पानी की जरूरत होती है।
उधर, सीवरेज वाले पानी की सप्लाई को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश हाईकोर्ट ने वीरभद्र सिंह सरकार के मुख्य सचिव,प्रधान सचिव आईपीएच,प्रधान सचिव स्वास्थ्य, आईपीएच विभाग के इंजीनियर इन चीफ और निगम के उपायुक्त को पांच जनवरी मंगलवार को अदालत में तलब किया है।मुख्य न्यायाधीश मंसूर अहमद मीर वजस्टिस त्रिलोक चौहान ने इन सारे अफसरों को आज नोटिस जारी कर अदालत में हाजिर रहने के आदेश दिए है।
उधर,भाजपा विधायक सुरेश भारदवाज ने भी इस मामले की जांच की मांग की है।
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