रिकांगपिओ। हिमाचल प्रदेश अकादमी आकाशवाणी के हिमाचल केंद्र से संस्कृत में प्रादेशिक समाचार व अन्य कार्यक्रम शुरू करने के लिए प्रयास करेगी। ये एलान रिकांगपिओ में हिमाचल प्रदेश संस्कृत अकादमी के सचिव डाक्टर मस्तराम शर्मा ने अकादमी की ओर से आयोजित दो दिवसीय राज्य स्तरीय संस्कृत सम्मेलन में किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल में चंबा से लेकर किन्नौर तक संस्कृत जानने वालों की एक बड़ी आबादी है। इसलिए संस्कृत के प्रचार प्रसार के लिए रेडियों पर संस्कृत के कार्यक्रम होने चाहिए।
उन्होंने प्रदेश भर के संस्कृत ज्ञाताओं ,छात्र छात्राओंका आहवान किया कि वे संस्कृत को न जानने वाले तीन -तीन लोगों को संस्कृत सिखाने का संकल्प लें ताकि संस्कृत भाषा का प्रचार प्रसार हो सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए संस्कृत अकादमी को दिल खोल कर सहयोग दिया है।
सम्मेलन के समापन पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि किन्नौर के सीजेएम के के शर्मा ने कहा कि जिला किन्नौर के रीति रिवाज और और कई कानून प्रदेश में बिलकुल अलग है।उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम ज्यादा से ज्यादा होने चाहिए । इससे ज्ञान तो बढ़ता ही है साथ ही रवैये में भी बदलाव आता है।
इस दो दिवसीय संस्कृत सम्मेलन में प्रदेश भर से आए संस्कृत विदवानों ने अपने शोध पत्र पढ़े। हिमाचल प्रदेश विवि में बौद्ध विद्या केंद्र के अध्यक्ष प्रोफेसर विद्या सागर नेगी ने कहा कि किन्नौर की संस्कृति चार संस्कृतियों का मिश्रण है और इन संस्कृतियों के बीच कहीं भी टकराव नहीं है। उन्होंने कहा कि किरात से लेकर बौद्ध और ठाकुर शाही का इस जनपद में अलग- अलग कालखंड में बहुत प्रभाव रहा है। किन्नौर सात परगनों व 18 गढों से बना है।
इससे पहले रविवार शाम को संस्कृत अकादमी की ओर से राज्य स्तरीय संस्कृत कवि सम्मेलन आयोजित किया। जिसमें प्रदेश भर से आए 18 संस्कृत कवियों ने कविता पाठ किया। इस मौके पर आचार्य रामानंद शस्त्री ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। उन्होंने संस्कृत के विदवानों से आहवान किया कि वो संस्कृत में ज्यादा से ज्यादा काम करे।इस मौके पर जिला आयुर्वेद अधिकारी हेमराज गौतम,एसएचओ रिकांगपिओ लक्ष्मण सिंह ठाकुर, प्रेमलाल गौतम ,जिला किन्नौर संस्कृत परिषद के अध्यक्ष डा् जे जी नेगी ने खासतौर पर शिरकत की। कार्यक्रम के अंत में सम्मेलन में आए प्रतिभागियों को पुरस्कार दिए गए।
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