हमीरपुर। आरटीआई के तहत छह मामलों में समय पर सूचना न देने पर मुख्य सूचना आयुक्त ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को 54 हजार 500 रूपए का जुर्माना अदा करने का फैसला सुनाया है।
जानकारी केअनुसार राज्य वन विकास निगम सीमित शिमला मु ख्यालय से संबंधित जन सूचना अधिकारी से आवेदक ने सहायक प्रबंधक हमीरपुर की ट्रांसफर से संबंधित सूचना मांगी। आवेदक ओंकार सिंह चंदेल केअनुसार यह सूचना 53 दिनों बाद दी गई, जिसमें आयोग ने मुख्यालय शिमला के कनिष्ठ कार्यालय प्रबंधक दलीप चितरांटा व वरिष्ठ कार्यालय प्रबंधक मधुनेगी को 13 हजार 250 रूपए का जुर्माना सुनाया है।
इसके अलावा वन मंडलाधिकारी हमीरपुर से 16 जनवरी 2013 को आवेदनकर्ता ने समताना बीट में कथित अवैध रूप से काटे गए 31 स्लीपर को दर्शाने बारे सूचना मांगी, जो 64 दिनों बाद दी गई। जिसमें स्लीपरों का चोरी हो जाना बताया गया। इसीके साथ अग्घार रेंज में सोसल फोरैस्ट्री कीबनाई बिल्डिंग ·कगिराने बारे जानकारी मांगी गई थी, लेकिन इसकी कोई सूचना नहीं दी गई। दोनों मामलों में आयोग ने समताना बीट के तत्कालीन वन रक्षक सुशील कुमार को 16 हजार रूपए तथा सूचना न देने पर डीएफओ को 5000 रूपए का हर्जाना भरने ·के आदेश दिए है।
तारपीन फैक्टरी बिलासपुर के बारे में मांगी गई सूचना को करीब 21 दिन देरी से देने पर आयोग ने संबंधित डीलिंग हैंड को 5250 रूपए का जुर्माना सुनाया है। यही नहीं 7 अगस्त 2012 को मंडलीय
प्रबंधक वन निगम हमीरपुर के कार्यालय से कथित महिला को गलत तरीके से नौकरी दिए जाने बारे सूचना मांगी गई, जिसमें देरी व आधी अधूरी जानकारी दी गई। इस एवज में 1500 रूपए का हर्जाना देने के आदेश दिए गए है।
एक अन्य मामले में लोकनिर्माण कार्यालय मंडल सोलन के अधिशासी अभियंता को सामती-चिल्ला- आजी सड़क की सूचना समय पर न देने के चलते 1000 रूपए अदा करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा आयोग ने आवेदनकर्ता की अपील पर आबकारी एवं कराधान विभाग के सहायक आबकारी एवं कराधान आयुक्त हमीरपुर से एल-14 टौणीदेवी में जब्त की गई शराब से संबंधित मांगी जानकारी को गलत देने के चलते 12500 रूपए का जुर्माना सुनवाया गया है।
उधर सूचना के आवेदक ओंकार सिंह ने बताया कि राज्य मुख्य सूचना आयुक्त भीम सेन ने विभिन्न मामलों की सुनवाई के दौरान उक्त जुर्माना व हर्जाना देने के आदेश जारी किए है।
कंटेंट-रजनीश शर्मा
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