शिमला।पिछली वीरभद्र सिंह सरकार में पीटीए,पैट और एसएमसी टीचरों की गई भर्ती का जिन्न अब तक की कांग्रेस व भाजपा सरकारों का पीछा नहीं छोड़ रहा रहा हैं।इसके अलावा सदन में १९९८ से २००३ तक सता में रही भाजपा-हिविकां सरकार के दौरान हिविकां की ओर से मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ तैयार चार्जशीट का मसला भी उठा।
प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि १९९८ में आपके खिलाफ एक चार्जशीट दी थी क्या आपके व पंडित सुखराम के बीच समझौता हो गया हैं। आपने सुखराम के बेटे को अपनी सरकार में मंत्री बना दिया हैं। महेंद्र सिंह ने भाजपा की ओर से अब तक दायर चार्जशीटों पर सरकार ने क्या किया,ये प्रश्न किया था।
सीएम ने जवाब दिया कि अभी सूचना एकत्रित की जा रही हैं। महेंद्र सिंह ने पूछा कि भाजपा ने कई चार्जशीटें दे रखी हैं उस पर कुछ तो किया होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ” हम किसी से डरते नहीं हैं,जो भी होगा सदन में रखा जाएगा”।
उधर पीटीए मसले पर सरकार सुरक्षात्मक रही। पिछली बार पीटीए के मसले पर धूमल सरकार बुरी तरह से घिरी थी उसने जांच भी कराई थी लेकिन इन नियुक्तियों को वो रदद नहीं कर पाई थी और न ही नियमित कर पाई थी। अब ये मसला कांग्रेस की वीरभद्र सरकार के गले की फांस बना गया हैं। पीटीए का मामला सुप्रीम कोर्ट में है।
इस मसले पर सदन में इन भर्तियों में रोस्टर लागू न करने पर विपक्षी पार्टी भाजपा ने सरकार को बुरी तरह से घेर दिया व इन भर्तियों में रोस्टर लागू हुआ हैं नहीं ,मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह इसका जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने कहा कि अगर रोस्टर लागू करने में कमी रहेगी तो इसे बैकलॉग से पूरा किया जाएगा। इस मसले पर संतोषजनक जवाब न मिलने पर भाजपा सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
भाजपा विधायक रविंद्र रवि व हंसराज ने प्रश्नकाल में प्रश्न किया था। रविंद्र रवि ने कहा कि सरकार ने पिक एंड चूज कर ३३ व ३५फीसद अंक वालों को नियमित कर दिया व रोस्टर को लागू नहीं किया गया । उन्होंने पूछा कि क्या सरकार इन लोगों के लिए नीति बनलाएंगी।
मुख्यमंत्री ने भाजपा पर पलटवार किया कि ये पीटीए वाले वहीं हैं जिनपर भाजपा सरकार के कार्याकाल में घोड़े चलाए गए थे,उन पर अत्याचार किया गया ,पीटा गया । भाजपा सरकार ने उनके हित में कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि अदालत के निर्देशों या कोई रास्ता निकाल कर इन लोगों को राहत दी जाएगी।
महेंद्र सिंह ने पूरक सवाल किया कि एससी ,एसटी व ओबीसी का रोस्टर लागू हुआ या नहीं उन्होंने आउटसोर्स पर रखे युवाओं के लिए क्या नीति बनी है या नहीं,ये भी पूछा।
रविंद्र रवि ने कहा कि सरकार जाली नीति क्यों बनाती हैं,जिसे हाईकोर्ट व सुप्रीमकोर्ट में चुनौती देनी पड़े।
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