शिमला। हिमाचल विधानसभा में भाजपा विधायक विधायक रणधीर शर्मा ने सरकार को दूसरी राजधानी,भर्तियों में क्रप्शन व मंडी में कार चोरी रैकेट के मसले पर बुरी तरह से घेरा व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को अपनी सीट पर बार- बार उठकर दखल देकर सरकार का बचाव करना पड़ा ।
राज्यपाल के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने धर्मशाला को दूसरी राजधानी बनाने के मसले पर कहा कि इसे लोगों के लिए नहीं ,वोटों के लिए राजधानी बनाया जा रहा हैं। सरकार पहले ही कर्जे पर चल रही हैं। खजाने में पैसे नहीं हैं। राजधानियां खोली जा रही हैं।
रणधीर ने कहा कि अगर आप कांगड़ा से सच में प्यार करते है तो मुख्यमंत्री भी कांगड़ा के ही किसी नेता को मुख्यमंत्री पद के लिए प्रोजेक्ट करते। लेकिन आप ने ऐसा नहीं किया। आप सातवीं बार भी खुद ही मुख्यमंत्री बनना चाहते या अपने बेटे को बनाना चाहते है।
रणधीर शर्मा ने नर्सों की भर्ती में धांधली की गई। इस पर मुख्यमंत्री ने दखल दिया व कहा कि सरकार की जो प्रक्रियाण्ं हैं उसी के मुताबिक भर्तियां की गई हैं। आपकी सरकार में भी ऐसा ही होता था।
रणधीर शर्मा ने वन विभाग में फारेस्ट गार्डों की भर्ती का मसला उठाया । उन्होंने कहा कि उनके हलके में १३ गार्ड तैनात किए गए । जिसके लिखित में ६४ नंबर आए थे उन्हें इंटरव्यू में साढ़े तीन नंबर देकर बाहर का रास्ता दिखा दिया। जबकि जिसके ५८,५९ ६० या ६१ ,६२ व ६३ नंबर आए थे उन्हें इंटरव्यू में ज्यादा नंबर देकर टॉपर को बाहर कर दिया । रणधीर ने खुलासा कि १३ में से १० ऐसे लोग भर्ती कर जिनमें से आठ टॉपरों को बाहर कर दिया व कम नंबर लेने वालों को भर्ती कर दिया। उन्होंने कहा कि ये किस तरह की भर्तियां हो रही हैं।
रणधीर शर्मा ने कहा कि मंडी में एक एएसआई ने कार चोरों के गिरोह को पकड़ा । जब जांच आगे बढ़ी तो एक पुलिस कर्मी जांच के दायरे में आ गए। उसे धमकाया गया कि वो जांच बंद कर दें।
इस पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने दखल दे दिया व कहा कि सदस्य गलत बोल रहे हैं। रणधीर ने कहा कि एक आईजी स्तर के अफसर ने एएसआई को फोन किया कि वो जांच बंद कर दें। साथ ही धमकी दी कि तेरी पूरी चौकी को सस्पेंड कर दूंगा। उसने इस्तीफा लिख कर दे दिया।
मुख्यमंत्री ने फिर दखल दे दिया व रणधीर शर्मा से कहा कि आप तथ्य दें तो सरकार न्यायिक जांच करा देगी। मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि सरकार हाईकोर्ट या सेशन कोर्ट के जज से जांच कराएगी। मुख्यमंत्री ने स्पीकर से आग्रह किया समय की राशनिंग करे। एक ही आदमी बोलता जा रहा हैं। सदन में शिकायत के साथ शपथपत्र दीजिए जांच कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये अंटशंट बोल रहा हैं।
रणधीर शर्मा ने बोलना जारी रखा व कहा कि एएसआई ने इस्तीफा दिया उसे धमकी दी गई । ये हालात है कानून व्यवस्था के। इस बीच मुख्यमंत्री ने फिर दखल दिया व स्पीकर से कहा कि ”मेरा प्वाइंट ऑफ आर्डर हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये अंटशंट बोल रहे हैं।लिखित में भेजे न्यायिक जांच करई जाएंगी।
रणधीर शर्मा ने बोलना जारी रखा व कहा कि एएसआई का त्यागपत्र मंजूर नहीं हुआ,उसका आइआरबी में तबादला कर दिया। तबादला आदेश ५बज कर ५५ मिनट पर आया व उसे ६ बज कर ५५ मिनट पर रिलीव कर दिया गया। इस पर वो एएसआई ट्रिब्यूनल चले गए व तबादला आदेशों को चुनौती दे दी। ट्रिब्यूनल ने उनके तबादला आदेश को रदद कर दिया। उस एएसआई को पुलिस चौकी में नहीं लाइन में भेज दिया । लेकिन बाद में टेंपोरेरी आदेश पुलिस चौकी के कर रखे।
सीएम ने फिर दखल दिया कि व रणधीर शर्मा से कहा कि आप बिना तथ्यों के बोलते हो। वीरभद्र सिंह ने यह भी कहा कि वो सदन के सदस्य होने की अधिकार का दुरुपयोग कर रहे हैं व सदन को मूर्ख बना रहे हैं। रणधीर शर्मा ने कहा वो सरकार के रिकार्ड के आधार पर बोल रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपने सिवाय झूठ के कुछ नहीं बोला। सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाई हैं।
रणधीर शर्मा ने पलटवार किया सच बोलना क्या सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाना हैं। इस पर वीरभद्र सिंह तल्खी में बोला ,” बाहर बोल कर देखिए तो उसी तल्खी भरे लहजे में रणधीर शर्मा ने कहा कि ” क्या कर लेंगे आप, आप धमकी दे रहे हैं।
चर्चा में भाग लेते हुए आशा कुमारी ने जब सदन में कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में कभी भी गधे से प्रेरणा नहीं ली हैं। तो इस पर भाजपा विधायकों ने एतराज जता दिया। एक देर तक शोर शराबा चलता रहा। फिर नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि आपने गधे से प्रेरण नहीं ली होगी कुछ और लिया होगा। इस पर आशा कुमारी ने पलटवार किया कि गधे से कुछ नहीं लिया । वो व उनकी पार्टी गधे व गाय की राजनीति नहीं करती।
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