शिमला। पावर कारपोरेशन के पूर्व चीफ इंजीनियर विमल नेगी की रहस्य मौत की पुलिस की ओर से की जा रही जांच का नेगी के परिजन यूं ही कटघरे में खड़ा नहीं कर रहे हैं। जब नेगी के परिजनों ने पुलिस से एक तस्वीर साझा की तो जांच टीम की जांच की बखिया उधड़ गई।
मिल गया नेगी का मोबाइल
पावर कारपोरेशन के पूर्व चीफ इंजीनियर विमल नेगी का मोबाइल फोन पुलिस को मिल गया हैं। ये दावा आज प्रदेश हाईकोर्ट में पुलिस ने खुद किया हैं। जांच टीम की ओर से अदालत को बताया गया कि विमल नेगी का मोबाइल फोन उसे मिल गया है और उसे फारेसिंक जांच के लिए एफएसएल जुन्गा के लिए भेज दिया गया हैं। इस मोबाइल में क्या -क्या सबूत है इस बावत वो अभी कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं हैं।
बड़ा सबूत हो गया सार्वजनिक
18 मार्च को जिस दिन विमल नेगी की लाश भाखड़ा बांध से मिली थी उसी दिन से विमल नेगी का मोबाइल पुलिस रहस्यमय तरीके से पुलिस की आंखों से औझल हो गया था। विमल नेगी के परिवार वालों ने इस बावत पुलिस पर कई सवाल खड़े किए लेकिन पुलिस की ओर से अदालत में दायर स्टेटस रपट में कहा जाता रहा कि मोबाइल उसे नहीं मिल रहा है। मोबाइल की खोज में गोताखोरों की भी मदद ली गई हैं लेकिन कहीं कुछ नहीं मिला।
लेकिन आज अदालत में पुलिस की ओर से रहस्यमय तरीके से दावा कर दिया कि मोबाइल मिल गया हैं।अब बड़ा सवाल यही हैं कि आखिर ये मोबाइल पुलिस को अब तक क्यों नहीं मिल रहा था।
विमल नेगी के परिजनों ने साझा की थी तस्वीर
जब पुलिस की ओर से अदालत में भी बार-बार ये कहा जा रहा था कि उसे विमल नेगी का फोन नहीं मिल रहा हैं तो विमल नेगी के परिजनों ने एक तस्वीर पुलिस से साझा की। ये तस्वीर उस दिन की थी जिस दिन विमल नेगी की लाश को पुलिस ने भाखड़ा से बरामद किया था।
विमल नेगी के परिजनों ने इस तस्वीर को शिमला के एसपी संजीव गांधी को दिखाया व कहा कि तस्वीर में मोबाइल फोन तो विमल नेगी की जेब में साफ दिखाई दे रहा हैं। इसके बाद पुलिस जांच की बखिया उधड़ गई और पुलिस को मोबाइल फोन सामने लाना पड़ा ।
मोबाइल फोन को इस तरह सामने आना कई सवाल खड़ा कर गया है। आखिर पुलिस को पहले मोबाइल क्यों नहीं मिला। क्या किसरी ने जानबूझ कर मोबाइल को गायब कर दिया था। और जब अब मिला है तो ये कहां से मिला हैं। ये तमाम तरह के सवाल अब सबके जेहन में उठने लगे हैं।
याद रहे विमल नेगी की मौत को लेकर कई तरह के सवाल अभी अनुतरित हैं। जबकि दूसरी ओर विमल नेगी के परिजनों ने प्रदेश हाईकोर्ट में सीबीआइ जांच की मांग को लेकर याचिका दायर कर रखी हैं।
इस मामले में नेगी के परिजनों और पावर कारपोरेशन के अलावा बिजली बोर्ड के कर्मचारियों की ओर से दावा किया जा रहा है कि विमल नेगी की या तो हत्या की गई है या उन्हें आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया गया हैं।
जिस तरह से अचानक से पुलिस ने विमल नेगी के मोबाइल को सामने लाया है, वो कई सवालों को खड़ा करने वाला हैं। बहरहाल, अगर सीबीआइ जांच हो जाए और जांच टीम व तमाम जुड़े लोगों की पॉलीग्राफ टेस्ट हो जाए तो न जाने कितने रहस्य उजागर हो जाएंगे।
याद रहे इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी पावर कारपोरेशन के निदेशक इलेक्ट्रिक देशराज को हाईकोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद भी अरेस्ट नहीं किया था। जबकि नेगी के परिजनों ने दावा किया था कि देशराज खुलेआम टुटू में घूम रहा हैं। बाद में देशराज सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत लेने में कामयाब रहा।
यही नहीं दूसरे आरोपी पावर कारपोरशन के तत्कालीन एमडी आइएएस हरिकेष मीणा को भी पुलिस ने अरेस्ट नहीं किया । मीणा को तो तब अंतरिम जमानत भी नहीं मिली थी। इसके अलावा पुलिस ने नेगी के घर की तो तलाशी ले ली और उनके लैपटॉप को जब्त कर लिया लेकिन देशराज और मीणा के ठिकानों पर छापेमारी की या नहीं ये अभी तक सामने नहीं आया हैं।
तस्वीर पुरानी हैं।
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