शिमला। विजीलेंस की ओर से धूमल सरकार में शांता धड़े से मंत्री रहे किशन कपूर के खिलाफ प्लाट आंवटन में मामला दर्ज कर प्रदेश में प्लाटस आवंटन घोटाले की परतें खोलने का रास्ता साफ कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक जब परतें निकलेगी तो भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों के नेताओं के कारनामों से पर्दा उठेगा।किसी ने बीवी के नाम तो किसी ने बेटियों के नाम प्लाट आवंटित कर रखे है। विधानसभा में 454 प्लाट्स की जानकारी सामने आ चुकी है।इन सब मामलों की जांच नहीं हुई है।
किशन कपूर धर्मशाला से भाजपा की ओर से प्रत्याशी होते है।यहां से शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा कांग्रेस के टिकट पर जीत कर आए है। किशन कपूर जब शहरी विकास मंत्री थे तो वो हिमुडा के भी चेयरमैन थे । उसी दौरान उन्होंने धर्मशाला में दो प्लाट अपने व अपनी पत्नी रेखा व एक पत्रकार के नाम करा लिए । उसी दौरान इस मसले पर खूब हल्ला मचा और उन्होंने अपने व अपनी पत्नी के नाम प्लाट को वापस कर दिया।अब ये प्लाट्स उनके पास नहीं है। लेकिन अगर किशन कपूर के खिलाफ कहीं कोई जांच चलती है तो राजनीतिक तौर पर उसका सुधीर शर्मा को राजनीतिक लाभ मिलता है।
चूंकि ये मामला कांगड़ा के भाजपा मंत्री से जुड़ा हुआ था । इसलिए कांग्रेसी नेताओं ने इस मामले को कांग्रेस की चार्जशीट में भी शामिल करा दिया। इसके बाद धर्मशाला का एक व्यक्ति इस मामले को हाईकोर्ट भी ले गया।हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच कराने के आदेश दिए।जिस पर विजीलेंस ने ये मामला दर्ज किया है। मामला हाईकोर्ट में लंबित है।
किशन कपूर ने कहा कि मामला हाईकोर्ट में है इसलिए वो कोई टिप्पणी नहीं कर सकते। जांच एजेंसी को जांच करने दी जानी चाहिए।
भाजपा की ओर से यूपीए व प्रदेश सरकार के कारनामों को लेकर चार्जशीट तैयार करने के लिए गठित कमेटी में किशन कपूर को भी सदस्य बनाया गया है। जाहिर है भाजपा की चार्जशीट में प्लाटस आवंटित करवाने वालों के नाम शामिल होंगे। इसके अलावा हाईकोर्ट में भी उन सब नेताओं के नाम सामने आएंगे जिन्होंने प्लाट्स आंवटित करा रखे है।
शांता धूमल धड़े होंगे एकजुट
विजीलेंस की ओर से किशन कपूर के खिलाफ दर्ज एफआईआर के बाद अब वीरभद्रसिंह सरकार के खिलाफ धूमल और शांता खेमे की ओर से हमले होंगे। अभी तक धूमल परिवार के खिलाफ जांच चल रही थी तो शांता खेमा खामोश था। समझा जा रहा है कि दोनों खेमे एक होंगे।
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