शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार प्रदेश के किसानों की आर्थिकी को दृढ़ता प्रदान करने के दृष्टिगत दुग्ध उत्पादकों से प्रतिदिन 10 लीटर दूध की खरीद करेगी जिसमें गाय का दूध 80 रुपये प्रति लीटर व भैंस का दूध 100 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे न केवल ग्रामीण आर्थिकी को बढ़ावा मिलेगा अपितु किसान सामुदायिक स्तर पर जैविक खेती के लिए भी प्रोत्साहित होंगे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज सचिवालय में हिमाचल प्रदेश सचिवालय कर्मचारियों को सम्बोधित कर रहे थे । उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने एनपीएस कर्मचारियों को ओपीएस के लाभ प्रदान करेगी जिससे उन्हें आर्थिक लाभ के साथ ही प्रदेश की सेवा में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मान भी प्राप्त होगा।
उन्होंने दावा किया कि पूर्व भाजपा सरकार के वित्तीय कुप्रबन्धन और अनावश्यक खर्चों के कारण आज प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपये के कर्ज का भारी बोझ है। प्रदेश सरकार राज्य की आर्थिकी को दोबारा पटरी पर लाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में राज्य सरकार को डीजल पर वैट में 3.1 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि के लिए मजबूर होना पड़ा।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व सरकार ने अपने कार्यकाल के अन्तिम दिनों में मात्र चुनावी लाभ के लिए प्रदेश में लगभग 900 संस्थान खोल दिए। यह सभी संस्थान एवं कार्यालय बिना किसी बजट प्रावधान के ही खोले गए। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों को कार्यशील करने के लिए प्रदेश सरकार को और 5 हजार करोड़ रुपये की आवश्यकता थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार आगामी पांच वर्षों में ग्रामीण आर्थिकी को सुदृढ़ करने पर अपना विशेष ध्यान केन्द्रित करेगी क्योंकि प्रदेश की 90 फीसद से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है।
हिमाचल प्रदेश सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह बॉबी ने इस मौके पर सुक्खू को कर्मचारियों की विभिन्न मांगों एवं मुद्दों से अवगत करवाया। उन्होंने मुख्यमंत्री को राज्य सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में कर्मचारियों की ओर से पूर्ण सहयोग प्रदान करने का आश्वासन भी दिया।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरूद्ध सिंह, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, भोरंज के विधायक सुरेश कुमार, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा व हिमाचल प्रदेश सचिवालय कर्मचारी संघ के विभिन्न पदाधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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