शिमला। केंद्र में सता के गलियारों में प्रदेश से भाजपा के राष्ट्रीय अघ्यक्ष जगत प्रकाश नडडा, केंद्रीय राज्य वित मंत्री अनुराग ठाकुर का दबदबा होने और प्रदेश व केंद्र में डब्बल इंजन की सरकार के होने के बावजूद प्रदेश की 18 से 45 साल के आयुवर्ग के आबादी के लिए कोरोना के टीके लगने काअभियान शुरू न होने से कई सवाल खडे हो गए है। बीते रोज प्रदेश हाईकोर्ट ने भी इस मसले पर जयराम सरकार से जवाब तलब किया है।
नडडा व अनुराग ही नहीं प्रदेश से राज्यसभा सदस्य इंदु गोस्वामी, के अलावा भाजपा के प्रदश अध्यक्ष और सांसद सुरेश कयश्प और किशन कपूर भी दिल्ली के दरबार के करीब है। प्रदेश में कोरोना महामारी कहर बरपा रही है। पिछले एक महीने में रेकार्ड मौतें हो गई है और कोरोना मामलों के आंकडेसवा लाख को पार कर चुके है।मौतों का व नए मामलों के सामने आने का आंकडा लगातार बढ रहा है। ऐसे में प्रदेश की पूरी आबादी के लिए कोरोना के टीके लगाने की बेहद जरूरत है ताकि प्रदेश के लोग इस महामारी से लडने में सक्षम हो सके। लेकिन इस आयु वर्ग के लिए इस अभियान को शुरू हुए एक सप्ताह से ज्यादा समय बीत गयाहै लेकिन टीकों का कही कोई अता पता नहीं है। इस छोटे से पहाडी राज्य से केंद्र सरकार पर पहले भी भेदभाव के इल्जाम लगते रहे है।चूंकि केंद्र में बहुत कम बार रसूखदार नेता केंद्र में रहे,ऐसे में प्रदेश की अनदेखी होती रही है।
लेकिन इस बार तो दुनिया की सबसे बडी पार्टी यानी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नडडा प्रदेश से ही है। प्रदेश के लोगों का मानना है कि उनका मोदी सरकार में जबरदस्त दबदबा है। नडडा ही नहीं प्रधाानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद एलान करते रहे है कि हिमाचल उनका दूसरा घर है। इसके बावजूद हिमाचल के 18 से 45 साल की आयु वर्ग के लिए कोरोना टीके की खेप न पहुंचना इन तमाम प्रदेश हितैशी शख्सियतों को कटघरे में खडा करती है।
प्रदेश की जनता ने भाजपा को दिल खोल कर समर्थन दिया है। 2014 के लोकसभा चुनावों में चारों सीटें भाजपा की झोली में डाल दी।उसके बाद 2017 के विधानसभा चुनावोंमें भाजपा को पूर समर्थन दिया और प्रदेश में भाजपा की सरकार बना दी। यह दीगर है कि भाजपा के मुख्यमंत्री पद के घोषित प्रत्याशी प्रेम कुमार धूमल सुजानपुर से हार गए।पार्टी के कई नेता आज भी मानते है कि उन्हें जनता ने नहीं भाजपा की अंदरूनी राजनीति ने हराया।
इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव आए तो जनता ने चारों सीटे रेकार्ड अंतर से जीता कर भाजपा की झोली में डाल दी।जनता लगाता भरोसा करती रही और उसके बाद धर्मशाला और पच्छाद विधानसभा हलकों मेंउप चुनाव हुए । ये दोनों सीटें भी भाजपा की झोली में डाल दी ।
लेकिन भाजपा की डब्बल इंजन की सरकार ने जब प्रदेश की जनता को टीकों की जरूरत थी तो वह पीछे हट गई है। 18 से 45 आयुवर्ग के लोगों को कब से टीके लगने शुरू होने है इस बावत किसीको कोई पता नहीं है।
मुख्यमंत्री जयराम एक मई से लगातार कहते आ रहे है कि सरकार ने जिस कंपनी को टीकों का आर्डर दे रखा है वह जल्दी ही टीकों की खेप भेज देंगी।लेकिन यह खेप अभी पहुंची नहीं है। सरकार ने पंजीकरण करना जरूर शुरू कर दिया है।
उधर, कांग्रेस पार्टी ने इस मसले पर सरकार को कटघ्ज्ञरे में खडा करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला तो भाजपा के
राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नडडा से इस बावत जल्द टीके मुहैया कराने का आहवान भी कर चुके है। लेकिन बडा सवाल यह है कि क्या
नडडा, अनुराग ठाकुर, इंदु गोस्वामी और अन्य सांसदों का केंद्र सरकार में दबदबा खत्म हो चुका है या ये तमाम नेता पहली बार मुख्यमंत्री बने जयराम ठाकुर को उने सहारे पर छोड चुके है।
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