शिमला। मारीशस में हो रहे 11वें विश्व हिंदी सम्मेलन में हिमाचल प्रदेश की चर्चित साहित्यकार और सतलुज जल विद्युत निगम एसजेवीएन में वरिष्ठ प्रबंधक राजभाषा मृदुला श्रीवास्तव अपना शोधपत्र पढ़ेंगी। 18 से 20 अगस्त तक हो रहे इस सम्मेलन में भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद की अन्तर्राष्ट्रीय पत्रिका ‘गगनांचल’ का विमोचन भी होगा जिसमें उनकी एक लघुकथा शामिल है। इस सम्मेलन में वे एसजेवीएनएल का प्रतिनिधित्व करेंगी।
विश्व हिंदी सम्मलेन का आयोजन भारतीय विदेश मंत्रालय अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग से करता है ।
मृदुला श्रीवास्तव का पहला कहानी संग्रह ‘काश पंडोरी न होती’ देश में काफी चर्चित हुआ था।उनकी कहानियाँ देश में हिंदी की प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिकाओं के अलावा मारीशस में भी प्रकाशित हुई हैं। उनकी लघु कथाएं, व्यंग्य कथाएं और बाल कथाएं भी राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं । उनका अगला कहानी संग्रह ‘जलपाश’ जल्द प्रकाशित होने वाला है। साहित्य लेखन के लिए उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर के कई सम्मान भी प्राप्त हुए हैं ।
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