शिमला। भ्रष्टाचार व नॉन गर्वनेंस की वजह से पर्यटन निगम की घाटे में चल रही यूनिटों को निजी हाथों में देने की वकालत करते हुए स्टेट टूरिज्म विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष मेजर विजय सिंह मनकोटिया ने टूरिज्म को प्रमोट करने में प्रदेश के खस्ता हाल सड़कों को बाधा करार देकर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर अप्रत्यक्ष व प्रदेश सरकार के बाबूओं पर सीधा हमला बोला है।जिस तरह नेता प्रतिपक्ष प्रेमकुमार धूमल वीरभद्र सिंह सरकार को टायर्ड व रिटायर्ड लोगों की सरकार करार देते है उसी तरह मेजर मनकोटिया ने कहा कि सरकार में कई एनआरबी(नॉन रिंसपॉंस ब्यूरोक्रेटस) है जो Lip Service तो खूब करते है लेकिन काम कुछ नहीं करते।इससे प्रदेश का विकास प्रभावित हो रहा है।
मनकोटिया ने कहा कि प्रदेश में टेंपल टूरिज्म,ट्राइबल टूरिज्म,बुद्धिस्ट सर्कट टूरिज्म और एंडवेंचर टूरिज्म को प्रमोट करने अपार संभानाएं है लेकिन संड़के खस्ता हाल है।रेल व एयर कनेक्टिविटी नहीं है। सड़कोें के सुधार की दर बहुत बहुत कम है।सड़के खतरनाक तो है ही साथ में असंतोषजनक भी है।यही ही नहीं कई अफसर मुख्य सचिव की कुर्सी हथियाने की लड़ाई में जुटे है।उन्होंने पीडब्ल्यूडी विभाग के अफसरों को भी सवालों में खड़ा किया।
उन्होंने सरकार के एक अफसर का हवाला कहा देते हुए कहा कि वो दो महीने के बाद रिटायर होने वाला है,उसने सारी फाइलें उसने अपने पास लटका रखी है। सरकार को ऐसे अफसरों की जरूरत नहीं है।उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह इन अफसरों को बार बार हिदायतें देतें है लेकिन पता नहीं काम क्यों नहीं होता। सरकार के एक उपाध्यक्ष की ये टिप्पणियां सरकार के कारनामों को लेकर कई कुछ ब्यां करती है।ये पूछे जाने पर की वो मुख्मंत्री वीरभद्र सिंह की कारगुजारी पर सवाल उठा रहे है। उन्होंने कहा सीएम उनकी कारगुजारियों को स्कैन कर सकते है वो नहीं। लेकिन स्थिति ठीक नहीं है।अफसरशाही में उदासीनता है।
मनकोटिया ने कांग्रेस की पिछली सरकार में टूरिज्म मंत्री रहे जीएस बाली की राह पर चलने की कोशिश करते हुए कहा कि प्रदेश में पर्यटन निगम के 60 होटल व रेस्तरां है।इनमें से 21 ही मुनाफा कमा रहे है बाकी39 घाटे में है।वो सीएम से मिलकर इन्हें पब्लिक प्राइवेट मोड में देने की वकालत करेंगे।हालांकि साथ में उन्होंने जोड़ा कि ऐसा करते हुए कर्मचारियों की सेवाओं का ध्यान रखा जाना चाहिए। याद रहे इससे पहले 2003 से 2007 की कांग्रेस सरकार के दौरान भी इन यूनिटों को निजी हाथों में देने की मुहिम चली थी।लेकिन वो सफल नहीं हो पाई थी।
दलील ये भी है कि वाइल्ड फ्लावर हाल होटल जिसे ओबराय को दिया गया है,उससे आज तक सरकार को कितनी आय हुई है?। इसका मामला अदालतों में चला हुआ है।वीरभद्र सिंह ने सता में आते ही इस होटल का ऑडिट कराने का विधानसभा में ब्यान दिया था लेकिन अब तक कहीं कुछ नहीं हुआ।कुछ लाख सरकार को मिले है।ऐसे में इन यूनिटों को निजी हाथों में देने से क्या असल में मुनाफा होगा?
राजधानी में मीडिया से रूबरू हुए मनकोटिया ने कहा कि सरकार ने डीसी कांगड़ा को 2010 से लेकर अब तक 56 लाख रुपया धर्मशाला में झील का पुनरुद्धार करने केलिए दिया था । लेकिन ये आज भी सूखी हुई है। वो इसकी उच्च स्तरीय जांच करांएगे।
उन्होंने इस मौके पर विभाग कीओर से हासिल की गई उपलब्धियों का भी बखान किया व कहा कि जल्द ही शिमला के जुब्बड़हटटी से फ्लाइट शुरू कर दी जाएगी। वहां पर एयरटेल का टावर हटाने के लिएएसडीएम कंडाघाट ने कार्यवाही शुरू की है संभवत: उसके बाद ये फ्लाइट शुरू हो जाएगी। इसके अलावा सरकार हैली सेवा चलाने की मंशा भी रखती है । प्रदेश में 60 से ज्यादा हैलीपैड है इनका इस्तेमाल कर कनेक्िटविटि को बहाल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि देहरा से संसारपुर डैम तक महाराणा प्रताप सागर में 65 किलोमीटर का हिस्सा है जहां पर हाउसबोट,शिकारा व क्रूज चलाए जा सकते है। सरकार इस दिशा में काम करना चाहती है। उन्होंने कहा कि इस साल पिछले साल के मुकाबले ज्यादा प्रर्यटक आए हैं व एशियन डवलपमेंटबैंक से मिले 570 करोड़ से प्रोजेक्ट चल रहे है। सरकार से तो कुल 21 करोड़ का बजट मिला है जो बहुत कम है।मनकोटिया ने कहाकि नए साल की पूर्व संध्या पर 25 से 30 दिसंबर तक विंटर कार्निवल शिमला का आयोजन किया जाएगा।
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